सीएए विरोधी प्रदर्शन : शीर्ष अदालत हर्जाने के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई को सहमत

By भाषा | Updated: November 15, 2021 22:04 IST2021-11-15T22:04:51+5:302021-11-15T22:04:51+5:30

Anti-CAA protests: Apex court agrees to hear plea against damages order | सीएए विरोधी प्रदर्शन : शीर्ष अदालत हर्जाने के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई को सहमत

सीएए विरोधी प्रदर्शन : शीर्ष अदालत हर्जाने के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई को सहमत

नयी दिल्ली, 15 नवंबर उच्चतम न्यायालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के एक कथित प्रदर्शनकारी की याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को सहमत हो गया। उच्च न्यायालय ने व्यक्ति को 2019 में उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए 1,90,857 रुपये का दस प्रतिशत जमा करने के लिए कहा था।

न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता सरफराज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि कथित हिंसा की घटनाओं में उसकी संलिप्तता का कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं है और किसी भी प्राथमिकी में उसका नाम नहीं है।

गोंजाल्विस ने अदालत से कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है और इसलिए सरफराज को हर्जाने की वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया था। घटना के दिन भीड़ ने कथित तौर पर सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था जिसमें याचिकाकर्ता की संलिप्तता साबित नहीं हुई है।’’ उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता बुनकर समुदाय का एक साधारण व्यक्ति है, जिसने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भोजन और कई अन्य तरीके से कई लोगों की मदद की।

पीठ ने कहा कि वह उस याचिका पर नोटिस जारी कर रही है जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 10 मई के आदेश को चुनौती दी गई है। सरफराज ने अपनी याचिका में कहा है कि पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का सामना करने वाले मुसलमानों को छोड़कर बाकी अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए 11 दिसंबर 2019 को पारित संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशव्यापी विरोध 16 दिसंबर 2019 को शुरू हुआ था। याचिकाकर्ता ने कहा कि मऊ शहर में नए कानून के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के तहत शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था जिसमें लगभग एक हजार लोगों ने भाग लिया था।

याचिका में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता ने घटना की कथित तारीख पर किसी भी जुलूस या अवैध सभा में भाग नहीं लिया जिसके लिए याचिकाकर्ता के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके अलावा मऊ जिले के दक्षिण टोला थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में कथित अपराध के समय याचिकाकर्ता का कोई फुटेज नहीं है।’’

याचिका में कहा गया है कि अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने 22 फरवरी को क्षति की वसूली के लिए दक्षिण टोला थाना प्रभारी की रिपोर्ट पर एक पक्षीय आदेश पारित किया। सरफराज ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने मामले के तथ्यों पर विचार किए बिना हर्जाने के लिए अनुमानित राशि का दस प्रतिशत चुकाने का आदेश दिया।

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Web Title: Anti-CAA protests: Apex court agrees to hear plea against damages order

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