मलियाना नरसंहार मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब-तलब
By भाषा | Updated: April 21, 2021 21:44 IST2021-04-21T21:44:31+5:302021-04-21T21:44:31+5:30

मलियाना नरसंहार मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब-तलब
प्रयागराज, 21 अप्रैल इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर 1987 में मेरठ में हुए दंगे के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से सोमवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है। इस याचिका में दंगा पीड़ितों के लिए मुआवजा की भी मांग की गई है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने कुरबान अली द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया और सुनवाई की अगली तारीख 24 मई, 2021 तय की।
पीठ ने कहा, "इस याचिका में की गई शिकायत और मांगी गई राहत पर विचार करते हुए हम सरकार से पैरा के हिसाब से जवाब मांगते हैं। "
इस याचिका में आरोप है कि 22 मई, 1987 को दो समुदायों के बीच दंगा हुआ और पीएसी ने हस्तक्षेप करते हुए मलियाना में एक विशेष समुदाय के लोगों को निशाना बनाया और उनकी हत्या की।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि यह सांप्रदायिक नरसंहार, दंगे के एक दिन बाद पास के ही एक इलाके में हुआ जिसमें पीएसी द्वारा 23 मई, 1987 को एक विशेष समुदाय के 72 लोगों की हत्या कर दी गई। इस मामले में 100 से अधिक बार सुनवाई टल चुकी है और केवल सात गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और इसमें एक दशक से अधिक का समय लग गया।
याचिका में उल्लेख किया गया है कि इस मामले में सुनवाई एएसजे, मेरठ की अदालत में 32 साल से अधिक समय से लंबित है और प्राथमिकी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज अदालत एवं पुलिस रिकार्ड से गायब हैं। लगभग आधे आरोपियों की पहले ही प्राकृतिक मृत्यु हो चुकी है।
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