आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के 17 नए मरीज, 14 लोग निजामुद्दीन के जमात धार्मिक सभा में हुए थे शामिल
By भाषा | Published: March 31, 2020 12:28 PM2020-03-31T12:28:52+5:302020-03-31T12:28:52+5:30
दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम में एक धार्मिक समारोह में शामिल हुए लोगों में से 24 लोगों के कोराना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। दिल्ली में 1,033 लोगों को विभिन्न स्थानों पर रखा गया है।
अमरावती: आंध्र प्रदेश में सोमवार की रात 17 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई जिसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अपने ताजा बुलेटिन में यह जानकारी दी। इन 17 नये मरीजों में से 14 लोग 13 से 15 मार्च के बीच नयी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में जमात धार्मिक सभा में शामिल हुए थे जबकि एक व्यक्ति मदीना से लौटने पर संक्रमित पाया गया था और दो अन्य में मक्का से लौटे कर्नाटक के एक व्यक्ति के संपर्क में आने से यह संक्रमण फैला था।
बुलेटिन में बताया गया कि प्रकासम जिले में सबसे ज्यादा आठ मामले हैं। इसके बाद गुंटूर में पांच, अनंतपुरामु में दो और कृष्णा एवं पूर्वी गोदावरी जिले में एक-एक मामला है। बुलेटिन ने कहा कि सोमवार की रात से कुल 164 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 147 में संक्रमण नहीं मिला।
दिल्ली: निजामुद्दीन पश्चिम में संपन्न आयोजन में शामिल हुए लोगों में से 24 को कोविड-19 के संक्रमण की पुष्टि
दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम में एक धार्मिक समारोह में शामिल हुए लोगों में से 24 लोगों के कोराना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों को बताया कि 1,033 लोगों को विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है। मंत्री ने कहा, ‘‘ इस समारोह में शामिल हुए 700 लोगों को पृथक किया गया है और करीब 335 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।’’ जैन ने बताया कि तबलीग-ए-जमात आयोजन में शामिल हुए लोगों की सरकार जांच कर रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को जमात की अगुवाई करने वाले मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। पुलिस ने निजामुद्दीन पश्चिम में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी। अधिकारियों ने बताया था कि इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक तबलीग-ए-जमात में भाग लिया था। हालांकि स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे।