आंध्र प्रदेशः विधानसभा में पारित हुआ तीन राजधानियां बनाने की योजना को आकार देने संबंधी विधेयक
By भाषा | Published: January 21, 2020 06:01 AM2020-01-21T06:01:37+5:302020-01-21T06:01:37+5:30
मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि विकेंद्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करके उनकी सरकार ‘ऐतिहासिक भूलों और गलतियों को सुधार’ रही है।
आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियां बनाने की योजना को आकार देने संबंधी ‘आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक, 2020’ विधानसभा में पारित हो गया। इसमें विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाए जाने का प्रस्ताव है। इस विधेयक को अब विधान परिषद में पारित किया जाएगा लेकिन यहां सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस बहुमत में नहीं है। 58 सदस्यों वाले उच्च सदन में उसके पास सिर्फ नौ सदस्य हैं। विधानसभा में दिन की कार्रवाई के दौरान हंगामा करने पर तेलुगु देशम पार्टी के 17 विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।
विधायक मुख्यमंत्री के भाषण को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे। मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि विकेंद्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करके उनकी सरकार ‘ऐतिहासिक भूलों और गलतियों को सुधार’ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम राजधानी को बदल नहीं रहे हैं। हम सिर्फ दो और नई राजधानी जोड़ रहे हैं। अमरावती पहले जैसी ही रहेगी। हम किसी भी क्षेत्र के साथ अन्याय नहीं करेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं लोगों को सिर्फ ग्राफिक्स दिखा करके बेवकूफ नहीं बना सकता हूं।’’
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू के अमरावती को स्व-वित्तपोषित परियोजना होने के दावे को भी खारिज कर दिया। इससे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा था कि वह ‘हाथ जोड़कर’ अपील करते हैं कि राजधानी को अमरावती से विशाखापत्तनम न ले जाया जाए। अमरावती क्षेत्र में निषोधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए सैंकड़ों किसानों और महिलाओं ने इस विधेयक का विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस अवरोधकों को तोड़कर विधानसभा परिसर पहुंचने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज भी किया। वहीं विधानसभा परिसर के पीछे नायडू ने तेदेपा विधायकों के नेतृत्व में विधानसभा के मुख्य द्वार से कुछ मीटर की दूरी पर मार्च निकाला।