Andhra Pradesh Assembly Elections: 29 उपाध्यक्षों और 64 महासचिवों की नियुक्ति, कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले किए कई बदलाव, देखें लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 13, 2023 04:31 PM2023-10-13T16:31:36+5:302023-10-13T17:03:12+5:30
Andhra Pradesh Assembly Elections: आंध्र प्रदेश में अगले साल ही विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। राज्य में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार है।
Andhra Pradesh Assembly Elections: कांग्रेस ने आंध्र प्रदेशविधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, शुक्रवार को अपनी राज्य इकाई के लिए 29 उपाध्यक्षों और 64 महासचिवों की नियुक्ति की। आंध्र प्रदेश में अगले साल ही विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। राज्य में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार है।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए वरिष्ठ पदाधिकारियों की नियुक्ति की स्वीकृति प्रदान की। श्रीपति प्रकाशम, एन सूर्य नायक, बी सत्यवती, कोरिवी विनय कुमार समेत प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
श्रीराम मूर्ति रुथूला को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का संगठन महासचिव नियुक्त किया गया है। उनके साथ 63 अन्य नेताओं को महासचिव का उत्तरादायित्व दिया गया है। कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश के 34 शहरों/जनपदों में भी अपने अध्यक्षों की नियुक्ति की है। जी रुद्र राजू आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में होंगे।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लक्षमैया ने इस्तीफा दिया
तेलंगाना विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले कांग्रेस को शुक्रवार को उस समय झटका लगा जब उसके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पोन्नाला लक्षमैया ने पार्टी के भीतर ‘अन्यायपूर्ण माहौल’ होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना त्यागपत्र भेजा है।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष का इस्तीफा पार्टी के लिए झटका माना जा रहा है। लक्षमैया ने अपने त्यागपत्र में आरोप लगाया कि जब तेलंगाना के पिछड़े वर्ग के 50 नेताओं का एक समूह इस वर्ग के वास्ते प्राथमिकता का अनुरोध करने के लिए दिल्ली गया था, तो उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेताओं से मिलने का भी अवसर नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि यह उस राज्य के लिए शर्मिंदगी की बात है जो अपने आत्मसम्मान पर गर्व करता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारी मन से मैं पार्टी के साथ अपना जुड़ाव खत्म करने के अपने फैसले की घोषणा करता हूं। मैं एक ऐसे पड़ाव पर पहुंच गया हूं जहां मुझे लगता है कि मैं अब ऐसे अन्यायपूर्ण माहौल में नहीं रह सकता।
मैं उन सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने वर्षों से मेरी विभिन्न पार्टी भूमिकाओं में मेरा समर्थन किया है।’’ उनसे संबंधित व्हाट्सएप ग्रुप में इस त्यागपत्र को साझा किया गया है। अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मैया से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका।
पार्टी से उनका इस्तीफा कांग्रेस के लिए एक झटका है जो 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के वास्ते अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करने की तैयारी कर रही है। लक्षमैया चार बार के विधायक हैं और अविभाजित आंध्र प्रदेश में 12 वर्ष तक मंत्री रहे।