नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को अंडमान और निकोबार कमान के 21वें स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि कमान अपने उद्देश्यों पर खरी उतरी है और यह विभिन्न प्रकार के खतरों से निपटने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि कमान पिछले 20 वर्षों में सफलतापूर्वक सशस्त्र बलों के ‘थिएटराइजेशन’ के लिए परिचालन रूप से कुशल कमान के रूप में विकसित हुई है।
रावत ‘थिएटराइजेशन मॉडल’ पर काम कर रहे हैं जिसके तहत कम से कम छह नई एकीकृत कमानों की परिकल्पना की जा रही है। योजना के अनुसार, प्रत्येक थिएटर कमान में थल सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और ये सभी एक परिचालन कमांडर के तहत एक निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने वाली एक इकाई के रूप में काम करेंगी।
वर्तमान में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के पास अलग-अलग कमान हैं।
जनरल रावत ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार कमान को आठ अक्टूबर, 2001 को हमारे देश की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को मजबूत करने के लिए बनाया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो दशकों में, सेना, नौसेना और वायु सेना के कमांडर-इन-चीफ के सक्षम नेतृत्व में टीमों ने लगातार इस सुव्यवस्थित और एकीकृत कमान का निर्माण किया है।’’ जनरल रावत ने उल्लेख किया कि आज, कमान एक ऐसे क्षेत्र में एक शक्तिशाली बल के रूप में गौरवान्वित है।
भारत में दो एकीकृत थिएटर कमान हैं। अंडमान और निकोबार कमान (एएनसी) भारत की पहली एकीकृत थिएटर कमान है जिसका मुख्यालय पोर्ट ब्लेयर में है। दूसरी सामरिक बल कमान है, जो भारत की परमाणु संपत्तियों की रक्षा करती है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।