भारतीय चाय को ‘‘बदनाम’’ करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय साजिश की जा रही:प्रधानमंत्री ने किया दावा
By भाषा | Updated: February 7, 2021 20:54 IST2021-02-07T20:54:47+5:302021-02-07T20:54:47+5:30

भारतीय चाय को ‘‘बदनाम’’ करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय साजिश की जा रही:प्रधानमंत्री ने किया दावा
ढेकियाजुली (असम), सात फरवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम की अपनी यात्रा के दौरान दावा कि भारतीय चाय को ‘‘बदनाम’’ करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई है।
चुनावी राज्य का एक पखवाड़े के अंदर दूसरी बार दौरा कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर राज्य में स्थानीय भाषा में शिक्षा मुहैया कराने वाला कम से कम एक मेडिकल कॉलेज और एक प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करना उनका सपना है।
उन्होंने दो मेडिकल कॉलेज की नींव रखने और राज्य राजमार्ग के उन्नयन के लिए ‘असम माला’ योजना शुरू करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘गांवों एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हर राज्य में स्थानीय भाषा में शिक्षा मुहैया कराने वाला कम से कम एक मेडिकल कॉलेज और एक प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करना मेरा सपना है।’’
उन्होंने असम में विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में इस तरह के संस्थान स्थापित करने का वादा किया।
मोदी ने कहा कि इससे दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकीय सेवाओं में सुधार होगा, क्योंकि अधिक से अधिक चिकित्सक अपनी मातृ भाषा में लोगों से बात कर पाएंगे और उनकी समस्याएं समझ पाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने चाय बागान कर्मियों की स्थिति को हमेशा असम के विकास से जोड़ा है।
उन्होंने विस्तार से जानकारी दिए बिना कहा, ‘‘लेकिन ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं, जिनमें भारतीय चाय को बदनाम करने के लिए देश के बाहर षड्यंत्र रचे जाने की बात का खुलासा हुआ है। मुझे भरोसा है कि असम के चाय बागान कर्मी इन ताकतों को करारा जवाब देंगे।’’
प्रधानमंत्री का इशारा संभवत: स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की विवादास्पद ‘‘टूलकिट’’ की ओर था, जिसे कथित तौर पर थनबर्ग ने ट्वीट करने के बाद डिलीट कर दिया था।
इस ‘‘टूलकिट’’ में बताया गया था कि किस तरह लोग किसानों के प्रदर्शन में भाग ले सकते हैं। इसमें कई बार एक बिंदु का उल्लेख किया गया, जिसमें कथित तौर पर ‘‘भारत की योग और चाय छवि को नुकसान पहुंचाने का जिक्र था।’’
गैर-सरकारी संगठन ग्रीनपीस ने भी कई साल पहले अपनी एक रिपोर्ट में भारतीय चाय उद्योग में कीटनाशकों का अत्यधिक इस्तेमाल किये जाने का दावा किया था।
मोदी ने कहा कि सरकार ने इस बजट में चाय क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और असम के प्रत्येक चाय बागान श्रमिक को शनिवार को 3,000 रुपये की सहायता-राशि वितरित की गई है।
उन्होंने दावा किया कि असम ने पिछले पांच साल में अभूतपूर्व विकास किया है और इस दौरान यहां स्वास्थ्य एवं बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है।
मोदी ने कहा कि राज्य में 2016 तक केवल छह मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन मात्र पांच साल में छह और कॉलेज खोले गए। मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या 725 से बढ़कर 1,600 हो गई है।
विश्वनाथ और चराइदेव जिलों में दो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल खोले जाएंगे। विश्वनाथ में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के निर्माण पर आने वाली अनुमानित लागत 565 करोड़ रुपये होगी तथा चराइदेव में इस पर 557 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें प्रत्येक में 100 सीटें होंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 8,210 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘असम माला’ योजना नए अवसर पैदा करेगी। इस योजना के तहत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) राज्य राजमार्गों का उन्नयन करेगा।
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