AMU विवाद: बोलीं महबूबा-कश्मीरी छात्रों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं, केंद्र करे हस्तक्षेप
By भाषा | Published: October 15, 2018 07:53 PM2018-10-15T19:53:03+5:302018-10-15T19:53:03+5:30
महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर से बाहर की सरकारों को स्थिति के प्रति ‘‘संवेदनशील’’ होना चाहिए तथा ‘‘आगे और अलगाव पैदा होने को रोकना चाहिए।’’
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार (15 अक्टूबर) को मांग की कि घाटी से ताल्लुक रखने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के तीन छात्रों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं। इन छात्रों ने सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर मन्नान बशीर वानी के लिए विश्वविद्यालय परिसर में कथित तौर पर जनाजे की नमाज पढ़ने की कोशिश की थी और कथित तौर पर भारत विरोधी नारे भी लगाए थे। इसके बाद इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
महबूबा ने केंद्र से मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। वानी उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘युवाओं के सामने कोई राह नहीं छोड़ने का उल्टा असर होगा। छात्रों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने के लिए केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए और एएमयू के अधिकारियों को उनका निलंबन निरस्त करना चाहिए।’’
महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर से बाहर की सरकारों को स्थिति के प्रति ‘‘संवेदनशील’’ होना चाहिए तथा ‘‘आगे और अलगाव पैदा होने को रोकना चाहिए।’’
पीडीपी अध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘उन्हें (छात्रों) कश्मीर में अनवरत हिंसा के शिकार बने अपने पूर्व सहपाठी (वानी) को याद करने पर दंडित करना हास्यास्पद होगा।’’ वानी एएमयू से पीएचडी कर रहा था, लेकिन इस साल जनवरी में वह विश्वविद्यालय छोड़कर आतंकवादी बन गया था।
विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे जम्मू कश्मीर के 1,200 से अधिक छात्रों ने धमकी दी है कि यदि तीनों छात्रों के खिलाफ दर्ज देशद्रोह का मामला वापस नहीं लिया जाता और उनका निलंबन निरस्त नहीं किया जाता तो वे 17 अक्टूबर को विश्वविद्यालय छोड़कर अपने घर चले जाएंगे।
एएमयू में पढ़ रहे जम्मू कश्मीर के छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रोक्टर को लिखे पत्र में कहा कि कोई भी नमाज ए जनाजा या संबंधित गतिविधि नहीं हुई और ए एम यू प्रोक्टर के निर्देशों का पालन किया गया।