अमृतसर ट्रेन हादसा: रेलवे बोर्ड चेयरमैन का दावा-कार्यक्रम के बारे में विभाग को नहीं थी सूचना
By भाषा | Published: October 20, 2018 12:29 PM2018-10-20T12:29:31+5:302018-10-20T12:29:31+5:30
उन्होंने कहा कि यह हादसा दो स्टेशनों- अमृतसर एंव मनावाला के बीच हुई न कि रेलवे फाटक पर। लोहानी ने रेलवे कर्मचारियों द्वारा भीड़ जमा होने की जानकारी नहीं देने की व्याख्या करते हुए कहा, “बीच के रास्ते पर ट्रेनें अपनी निर्धारित गति से चलती हैं और लोगों से उम्मीद की जाती है कि वह पटरियों पर मौजूद नहीं होंगे।
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर: अमृतसर रेल हादसे पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने एक बयान में कहा कि रेलवे पटरियों के निकट हो रहे दशहरा कार्यक्रम के बारे में विभाग को सूचित नहीं किया गया था । इस दुर्घटना में कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि यह हादसा दो स्टेशनों- अमृतसर एंव मनावाला के बीच हुई न कि रेलवे फाटक पर। लोहानी ने रेलवे कर्मचारियों द्वारा भीड़ जमा होने की जानकारी नहीं देने की व्याख्या करते हुए कहा, “बीच के रास्ते पर ट्रेनें अपनी निर्धारित गति से चलती हैं और लोगों से उम्मीद की जाती है कि वह पटरियों पर मौजूद नहीं होंगे। बीच के खंड पर रेल कर्मचारी तैनात नहीं होते हैं । रेलवे फाटक पर कर्मी होते हैं जिनका काम यातायात नियंत्रित करना है।’’
उन्होंने कहा कि गेटमैन रेलवे फाटक से 400 मीटर की दूरी पर था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर ड्राइवर ने आपात ब्रेक लगाए होते तो इससे भी बड़ा हादसा हो सकता था। लोहानी ने बताया कि ट्रेन अपनी निर्धारित गति से चलती है और शुरुआती रिपोर्ट से मालूम होता है कि चालक ने ब्रेक लगाए थे और ट्रेन धीमी हो गई थी।
उन्होंने कहा, “हमारे पास न तो इसकी कोई सूचना थी और न ही हमसे अनुमति ली गई थी । यह कार्यक्रम रेलवे की जमीन के बगल वाले स्थान, एक निजी स्थान पर आयोजित किया गया था।” रेलवे को दोषी ठहराने से इनकार करते हुए लोहानी ने कहा कि राष्ट्रीय परिवाहक लोगों से अतिक्रमण नहीं करने की नसीहत देते हुए लंबे अरसे से अभियान चला रहा है।
आधी रात को मौके पर पहुंचे लोहानी ने कहा, “हम इस अभियान को और आगे ले जाएंगे।” गौरतलब है कि अमृतसर में जोडा फाटक के निकट शुक्रवार शाम को रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोग एक ट्रेन की चपेट में आ गए जिसमें कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई और 72 अन्य घायल हो गए।