SC ने रद्द किया आम्रपाली का RERA रजिस्ट्रेशन, NBCC पूरा करेगी अधूरे प्रोजेक्ट
By स्वाति सिंह | Published: July 23, 2019 11:10 AM2019-07-23T11:10:55+5:302019-07-23T12:06:19+5:30
नोएडा और ग्रेटर नोएड प्राधिकरणों के आम्रपाली समूह की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने में असमर्थता जताने के बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आम्रपाली ग्रुप पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई की है और खरीदारों को राहत दी है। कोर्ट ने फर्जीवाड़ा करने और घर खरीददारों के पैसे का गबन करने के लिए संकट में घिरे आम्रपाली समूह के पंजीकरण को रेरा (RERA ) कानून के तहत रद्द करने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने अदालत के रिसीवर की नियुक्ति की और कहा आम्रपाली परियोजनाओं के सभी अधिकार रिसीवर के पास चले जाएंगे। कोर्ट ने आम्रपाली की सभी परियोजनाओं को नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा की तरफ से मिली लीज को रद्द किया ।
बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएड प्राधिकरणों के आम्रपाली समूह की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने में असमर्थता जताने के बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों प्राधिकरणों ने एक उच्च शक्ति प्राप्त निगरानी समिति की देखरेख में इन अटकी पड़ी परियोजनाओं को किसी प्रतिष्ठिक बिल्डर को सुपुर्द करने का समर्थन किया था।
A bench of the Supreme Court, headed by Justice Arun Mishra, directed cancellation of registration of all Amrapali group of companies and directs Enforcement Directorate to conduct a detailed investigation against the group for diverting home-buyers' money. https://t.co/kdl4tqKX1g
— ANI (@ANI) July 23, 2019
Supreme Court also said that the Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016 (RERA) registration of Amrapali is cancelled. Enforcement Directorate will register the money laundering cases against Amrapali, its Chief Managing Director, and other directors. https://t.co/Y0aQmfYXs7
— ANI (@ANI) July 23, 2019
दोनों ने इस तरह की परियोजनाओं को पूरा करने में संसाधन और विशेषज्ञता की कमी बताते हुए इन्हें पूरा करने से इंकार कर दिया था। शीर्ष न्यायालय ने आठ मई को कहा था कि वह समूह की सभी 15 प्रमुख आवासीय परिसंपत्तियों पर मालिकाना हक नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दे सकती है क्योंकि वह 42,000 घर खरीदारों के प्रति प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहा है।
इसके बाद अदालत ने इन अटकी परियोजनाओं को पूरा करने और इसके प्रबंधन नियंत्रण के मसले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।