नरेंद्र मोदी के मंत्रियों के नाम तय करने में अमित शाह की अहम भूमिका, कई दिनों तक चला मंथन
By नितिन अग्रवाल | Published: May 31, 2019 08:07 AM2019-05-31T08:07:38+5:302019-05-31T08:07:55+5:30
अमित शाह पिछले तीन दिनों से इसे लेकर प्रधानमंत्री के साथ मंथन कर रहे थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक बार लंच से पहले और उसके बाद दो बार बैठक की. इससे पहले मंगलवार और बुधवार को भी यह मंथन चला.
भाजपा को दूसरी बार लोकसभा चुनाव में जोरदार जीत दिलाने के बाद सरकार बनाने में भी अमित शाह ने अहम भूमिका निभाई है. शाह ने पिछले तीन दिनों में मोदी सरकार पार्ट-2 के मंत्रियों के नाम तय कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई बैठकें कीं.
मंत्रियों का चुनाव का अंतिम फैसला भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हो लेकिन इसके केंद्र में भी अमित शाह ही रहे. 2014 में यह भूमिका अरुण जेटली की थी. मोदी सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारियां एक ओर रायसीना हिल्स पर राष्ट्रपति भवन में चल रही थीं तो अमित शाह मंत्रियों के नाम तय कराने के लिए 7 लोक कल्याण मार्ग में डेरा डाले हुए थे.
सूत्रों के अनुसार शाह पिछले तीन दिनों से इसे लेकर प्रधानमंत्री के साथ मंथन कर रहे थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक बार लंच से पहले और उसके बाद दो बार बैठक की. इससे पहले मंगलवार और बुधवार को भी यह मंथन चला. मंत्रियों के उनके नाम तय होने के बाद शाह ने ही फोन करके उन्हें इसकी जानकारी दी और शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया. सभी मंत्रियों को प्रधानमंत्री के साथ चाय पर आमंत्रित किया गया जहां मोदी ने उन सभी से मुलाकात की.
2019 में मोदी को मिले प्रचंड बहुमत के बाद बदले माहौल में सरकार गठन के साथ दिए जा रहे संकेतों के खास मायने निकाले जा रहे हैं. 2014 में मंत्रिमंडल का फैसला सामूहिक रूप से लिया गया लेकिन वह इस बार नजर नहीं आया. 2014 में अहम भूमिका में थे जेटली 2014 में जब पहली बार जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आए तब उनके कैबिनेट के साथियों के चुनाव की प्रक्रिया के केंद्र में अरुण जेटली थे.
हालांकि इस बार स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने इससे दूरी बनाए रखी. भाजपा के पैनल के साथ हुआ था मंथन मंत्रियों के नाम तय करने के लिए भाजपा का एक पैनल बनाया गया था. इसमें तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के अतिरिक्त पूर्व पार्टी अध्यक्ष के तौर पर नितिन गडकरी और वैंकेया नायडू भी थे.
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय अपने सहयोगियों के नाम पार्टी के इस पैनल के साथ मंथन करके तय किए थे. नाम तय होने के बाद दिल्ली स्थित गुजरात भवन में ठहरे नरेंद्र मोदी ने अपने सहयोगियों को खुद फोन किया. मोदी ने उन्हें मंत्री बनाए जाने की जानकारी दी गई और शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था.