नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया को पार्टी में शामिल होने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके बधाई दी है। अमित शाह ने ट्वीट के साथ अपनी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की हाथ पकड़े हुए तस्वीर भी शेयर की है। अमित शाह ने ट्वीट में लिखा है, ''ज्योतिरादित्य सिंधिया जी मेरी मुलाकात हुई। मुझे यकीन है कि पार्टी में उनका शामिल होना मध्य प्रदेश के लोगों की सेवा करने के बीजेपी के संकल्प को और मजबूत करेगा।'' मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से आज (12 मार्च) ट्वीट करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर इसी बात को लेकर निशाना साधा था। एमपी कांग्रेस ने लिखा है सिंधिया के स्वागत में पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का 24 घंटे तक एक भी ट्वीट नहीं आया है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर साधा निशाना
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है, ''नरेंद्र मोदी जी या अमित शाह जी द्वारा सिंधिया जी के स्वागत में एक ट्वीट तक नहीं..! मोदी/शाह जी, —कम से कम इतनी जल्दी तो ऐसा मत करो ! अभी तो 24 घंटे भी नहीं हुये और आप लोगों ने अपमानित करना शुरू भी कर दिया..! महाराज हैं ! वही महाराज जिनके इतिहास का ज़िक्र शिवराज जी खूब करते हैं।''
मध्य प्रदेश: बीजेपी में शामिल होते ही कमलनाथ सरकार पर संकट
सिंधिया के बीजेपी में शामिल होते ही मध्य प्रदेश सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं । दोनों पार्टियों ने अपने-अपने विधायकों को राज्य की राजधानी से दूर भेज दिया है। सिंधिया के नजदीकी 22 विधायकों के इस्तीफों से मध्य प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस गिरने की कगार पर पहुंच गई है। कांग्रेस ने अपने करीब 90 विधायकों को जयपुर के पास एक रिजॉर्ट में भेज दिया, वहीं राज्य में विपक्षी दल बीजेपी ने अपने विधायकों को गुरूग्राम के एक लग्जरी होटल भेज दिया है। इस बीच इस्तीफा देने वालों में से 19 को बेंगलुरु में एक होटल में रखा गया है। इनके इस्तीफे बीजेपी विधानसभाध्यक्ष के पास लेकर गई थी।
संख्या बल को लेकर प्रयास तेज होने और ‘मित्र राज्यों’ में रिजॉर्ट राजनीति तेज होने के बीच सिंधिया बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा की मौजूदगी में भाजपा में औपचारिक रूप से शामिल हो गए और कहा कि देश का भविष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में सुरक्षित है। विधायकों को जिन राज्यों में रखा गया है उनमें से राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में है जबकि हरियाणा और कर्नाटक में बीजेपी की सरकारें हैं।