मध्य प्रदेश में शाह की इस रणनीति के आगे फेल हो गई कांग्रेस, प्रभारियों ने की तीस हजार किमी की यात्रा
By संतोष ठाकुर | Published: May 30, 2019 09:10 AM2019-05-30T09:10:42+5:302019-05-30T09:10:42+5:30
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि मप्र, राजस्थान और छग को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने एजेंडा में सबसे उपर रखा था।
मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना संसदीय क्षेत्र सहित 28 लोकसभा सीट जीतने वाली भाजपा ने राज्य में कांग्रेस की सरकार होते हुए यह आश्चर्यजनक परिणाम ऐसे ही नहीं दिए हैं। इसके लिए राज्य के चुनाव प्रभारियों ने लगभग 30 हजार किमी की यात्रा कार से की तो लगभग हर दूसरे—तीसरे दिन रात्रि सफर ट्रेन से करके अपने गंतव्य पर पहुंचे। इतना ही नहीं, उनकी हर एक मूवमेंट को स्वयं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ट्रैक—निगरानी कर रहे थे। जिसके बाद यह परिणाम सामने आया है।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि मप्र, राजस्थान और छग को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने एजेंडा में सबसे उपर रखा था। इसकी वजह यह थी कि यहां पर भाजपा को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इन राज्यों में लोकसभा सीट जीतना पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय था। ऐसे में कमान स्वयं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने संभाली हुई थी।
उन्होंने मप्र के लिए अपने विश्वस्त नेताओं को चुनाव प्रभारी और सह—प्रभारी के रूप में चुना। इसमें उप्र से एसडी सिंह थे तो वहीं दिल्ली से सतीश उपाध्याय थे। एसडी सिंह जहां उप्र सरकार में मंत्री हैं तो सतीश उपाध्याय पूर्व में पार्षद और दक्षिणी एमसीडी के चेयरमेन रह चुके हैं। वह दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं और उनके समय में आम आदमी पार्टी के खिलाफ दिल्ली में 900 से अधिक धरने—प्रदर्शन हुए। जिसकी वजह से पंजाब में भी आप को हार का सामना करना पड़ा था।
इस वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि उपाध्याय का नाम चौंकाने वाला था क्योंकि चुनाव सह—प्रभारी के तौर पर अमूनन बड़े नाम चुने जाते हैं। ऐसे में लो—प्रोफाइल वाले उपाध्याय के चुनाव पर शंका भी थी लेकिन अंत में जब रिजल्ट आए तो यह स्पष्ट हो गया कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की योजना चूक—रहित होती है।
मप्र में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के सभी लाभार्थियों से मुलाकात की गई। उनके घर पर भाजपा प्रभारी—सहप्रभारी गए। मुसलिम इलाकों में जाकर तीन तलाक जैसे मुद्दों को उठाया गया। मोदी सरकार के विकास कार्यो पर चर्चा की गई। जिससे हर व्यक्ति तक पहुंचने का लक्ष्य हासिल किया गया। इसके बाद मप्र को लेकर कांग्रेस की ओर से बनाए जा रहे झूठे तिलस्म को तोड़ने में भाजपा एक बार फिर से सफल हो पाई।