अमित शाह ने अभिनंदन की वापसी को बताया कूटनीतिक जीत, इमरान पर उठाए सवाल
By भाषा | Published: March 1, 2019 01:05 PM2019-03-01T13:05:31+5:302019-03-01T13:05:31+5:30
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा ना करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की शुक्रवार को आलोचना की और कहा कि कैसे भारत उन पर भरोसा कर सकता है।
नई दिल्ली, 1 मार्चः भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की पाकिस्तान से वापसी को मुमकिन बनाना कूटनीतिक जीत है। उन्होंने पाकिस्तान में पकड़े गए पायलट के स्वदेश लौटने से पूर्व यह बयान दिया। पायलट वर्तमान को बुधवार को उस समय पकड़ लिया गया जब उनके मिग 21 विमान को मार गिराया गया और वह नियंत्रण रेखा पार करके पाकिस्तान की ओर उतरे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को संसद में घोषणा की कि वर्तमान को ‘‘शांति सद्भाव’’ के तौर पर शुक्रवार को रिहा किया जाएगा। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शाह ने कहा, ‘‘पायलट अभिनंदन की इतने कम समय में वापसी को मुमकिन बनाना हमारी कूटनीतिक जीत है।’’
भारतीय वायु सेना के अधिकारियों का एक दल शुक्रवार शाम को वाघा सीमा पर विंग कमांडर अभिनंदन का स्वागत करेगा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान वर्तमान को अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस को सौंपेगा या भारतीय अधिकारियों को।
आतंकवादी हमलों पर इमरान खान की चुप्पी पर उठाए सवाल
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा ना करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की शुक्रवार को आलोचना की और कहा कि कैसे भारत उन पर भरोसा कर सकता है। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शाह ने कहा कि मोदी सरकार पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई के साथ आतंकवाद के सरगनाओं में ‘‘डर’’ पैदा करने में कामयाब रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आजादी के बाद से आतंकवाद से निपटने में हमारी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड सबसे अच्छा रहा है। मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक संख्या में आतंकवादियों का खात्मा किया गया है।’’ शाह ने पुलवामा हमले पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को कम से कम एक बार पुलवामा हमलों की निंदा करनी चाहिए। हम उनसे किसी और चीज की क्या उम्मीद कर सकते हैं या उन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं। शायद स्थिति उनके नियंत्रण में ना हो लेकिन कम से कम एक बार वह निंदा तो कर सकते थे।’’ गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।