अनुच्छेद 370 हटने के बाद मोदी सरकार ने लद्दाख को दी ये बड़ी सौगात, शाह ने कहा- अब अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
By रामदीप मिश्रा | Published: November 17, 2019 02:20 PM2019-11-17T14:20:07+5:302019-11-17T14:20:07+5:30
अमित शाह ने कहा कि लद्दाख एक्ट में संशोधन करके एटोनॉमस हिल काउंसिल को सर्वाधिक स्वायत्ता दी गई, एक प्रकार से लद्दाख के नागरिकों को स्वयं अपने विकास का नक्शा खींचने की स्वायत्ता प्रदान की गई।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से देश के गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार (17 नवंबर) को लद्दाख में सर्दियों के लिए विशेष ग्रेड डीजल की आपूर्ति का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया। इस दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और लद्दाख के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से सांसद जम्यांग टेरसिंग नामग्याल भी मौजूद थे।
शुभारंभ के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने ये जो कार्य किया है इससे हजारों साल से लद्दाख को जो अन्याय झेलना पड़ता था, अब उसको इतिहास बनाकर, लेह लद्दाख में विकास को एक नई सुबह की ओर ले जाने का काम हुआ है।
उन्होंने कहा कि संसद में जब चर्चा हुई थी तो मैंने दोनों केंद्र शासित प्रदेशों की जनता को आश्वस्त किया था कि अब आपके विकास की गति तेजी से आगे बढ़ेगी और आपकी सारी जरूरतों को समझकर हम उन्हें दूर करने का प्रयास करेंगे। आज मुझे खुशी है कि धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व में पेट्रोलियम मिनिस्ट्री और इंडियन ऑयल ने- 33 डिग्री में भी अपनी तरलता बनाए रखे, ऐसे स्पेशल ग्रेड डीजल को वहां पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है।
The winter-grade diesel for Ladakh, has been developed by Indian Oil Corporation to address the problem of loss of fluidity in fuel during extreme winter conditions. https://t.co/mRr3pJBaQw
— ANI (@ANI) November 17, 2019
उन्होंने कहा कि इससे लेह लद्दाख के लोगों के जीवन में नई शुरुआत होगी और जब सबसे ज्यादा टूरिस्ट आने का समय होता है तब वहां अब यातायात की सुविधा उपलब्ध होगी जो पहले नहीं होती थी। इससे वहां के टूरिज्म और वहां की अर्थव्यवस्था को बहुत मजबूती मिलेगी। 2014 से ही नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार ने 70 साल से उपेक्षित इस हिस्से को, भारत के बाकी हिस्सों के साथ समानता के स्तर पर लाने का प्रयास किया।
अमित शाह ने कहा कि लद्दाख एक्ट में संशोधन करके एटोनॉमस हिल काउंसिल को सर्वाधिक स्वायत्ता दी गई, एक प्रकार से लद्दाख के नागरिकों को स्वयं अपने विकास का नक्शा खींचने की स्वायत्ता प्रदान की गई। लेह-लद्दाख के दूर-दराज के क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के लिए श्रीनगर -लेह ट्रांस्मिशन का काम भी 2014 से 2019 के बीच ही पूरा किया गया है।
उन्होंने कहा कि लेह और करगिल जिलों में 14 सौर ऊर्जा योजनाओं पर काम चल रहा है और मुझे विश्वास है कि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री ने यहां के विकास के विषय में ठान लिया है, उससे मुझे लगता है कि आने वाले समय में लेह लद्दाख सौर ऊर्जा उत्पन्न करने वाली सबसे बड़ी यूटी बन जाएगी। टूरिज्म एक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए 5 नए पर्यटक सर्किट और नए ट्रैकिंग रुट भी खोले गए हैं, जिन्हें अभी गृह मंत्रालय ने मंजूरी दी है।
उन्होंने बताया कि लद्दाख में 9 मेगावाट क्षमता की पन बिजली परियोजना शुरू हो गई है और लद्दाख में भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट जिसकी क्षमता 7500 मेगावॉट है, वो भी 50 हजार करोड़ की लागत के साथ 4 साल की निश्चित अवधि में बनकर तैयार हो जाएगा।