आज यूपी में लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल फूकेंगे अमित शाह, 2014 में दिलाई थी 80 में 72 सीटें
By खबरीलाल जनार्दन | Published: July 4, 2018 06:14 AM2018-07-04T06:14:27+5:302018-07-04T06:19:36+5:30
सोनभद्र के ही रॉबर्ट्सगंज के सांसद छोटेलाल ने कुछ दिनों पहले योगी आदित्यनाथ पर अपने सभा से भगाने से आरोप लगाया था।
मिर्जापुर, 4 जुलाईः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बुधवार से दो दिनों के उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। अमित शाह का यह दौरा बेहद खास है। क्योंकि महज दो दिनों में वे पूरे उत्तर प्रदेश का ठोह लेने जा रहे हैं। इसी दौरान वे 2019 लोकसभा चुनावों के लिए चुनावी बिगुल भी फूंक देंगे। वह सहयोगी दल अपना दल एस की सांसद/मंत्री अनुप्रिया पटेल के क्षेत्र से चुनावी शंखनाद करेंगे। लेकिन इस दौरे के बाद ही वे तय करेंगे कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान यूपी की कमान वे खुद अपने हाथों में रखेंगे या फिर वे दूसरे महारथी को मौका देंगे। क्योंकि हालिया उपचुनावों में जिस तरह से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने बीजेपी की खटिया खड़ी की है, बीजेपी अंदर से हिल गई है।
हाल ही में जी न्यूज के एक कार्यक्रम में खुद अमित शाह ने माना कि संयुक्त विपक्ष और राहुल गांधी के हमलों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। हां, फर्क पड़ता है तो उत्तर प्रदेश में अखिलेश और मायावती के साथ आ जाने से। ऐसा वे इतने विश्वास के साथ इसलिए कह पा रहे थे, क्योंकि उनके राष्ट्रीय राजनीति में उदय की धूरी उत्तर प्रदेश है। साल 2014 के चुनावों से पहले अमित शाह महज गुजरात की राजनीति से वास्ता रखते थे। लेकिन साल 2014 के चुनावों में उन्हें उत्तर प्रदेश की कमान मिली थी।
और अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में कमाल कर दिया। आजादी के बाद से बीजेपी कभी किसी प्रदेश में इस कदर लोकसभा सीटें नहीं जीती थी। यूपी की 80 लोकसभा सीटों में अमित शाह की अगुवाई में यूपी में 72 पर कमल खिला। इसके बाद ही अमित शाह को कुशल राजनीतिकार के तौर पर सिद्धपुरुष मान लिया गया और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह को गद्दी से उतार कर अमित शाह को इस पदवी से नवाजा गया।
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इसके बाद बीजेपी भारत के पूरे मानचित्र पर केसरिया रंग चढ़ाती गई। लेकिन क्या हो अगर इस बीजेपी के चाणक्य से उसकी धूरी ही कोई खींच ले। यह बिल्कुल भी पाटी और अमित शाह के दोनों के ही बड़ी क्षति होगी। ऐसे में गोरखपुर, फूलपुर, कैराना की यादों को भुलाते हुए बुधवार को अमित शाह अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे।
अमित शाह: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से आगरा तक
वे उत्तर प्रदेश के दोनों हिस्सों पूर्वी उत्तर प्रदेश व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक-एक दिन डेरा डालेंगे और वर्तमान महौल का ठोह लेंगे। जानकारी के मुताबिक अमित शाह अपने यूपी चुनावी बैठकों की शुरुआत 2 जुलाई को मिर्जापुर से करेंगे। मिर्जापुर, पूर्वी उत्तर प्रदेश का वह जिला है, जो बसपा और सपा गढ़ रहा है। मोदी सरकार और योगी सरकार के बाद सबसे ज्यादा विरोधी स्वर भी पूर्वी उत्तर प्रदेश के इसी जिले से उठे हैं। इसे जिले में अनुसूचित व पिछड़ी जातियों का बोलबाला है। यह जिला वाराणसी, इलाहाबाद और सोनभद्र से जुड़ता है।
उल्लेखनीय है कि सोनभद्र के ही रॉबर्ट्सगंज के सांसद छोटेलाल ने कुछ दिनों पहले योगी आदित्यनाथ पर अपने सभा से भगाने से आरोप लगाया था। इसके बाद मामला दलित बनाम सवर्ण का हो गया था। जिससे क्षेत्र में बीजेपी को नकारात्मक माहौल बना था। अमित शाह इन्हीं सब मामलों को साधने के लिए मिर्जापुर का रुख कर रहे हैं। इसके अलावा 5 जुलाई को वे आगरा में रहेंगे। यहां से वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के हालात का मुआयना करेंगे। अखिलेश यादव के लगातार हमले और मायावती के सहयोग से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए हालात थोड़े कठिन हो गए हैं। इस बात को हाल ही में जी-न्यूज के एक समिट खुद में अमित शाह ने माना है। इसलिए अब वे योगी आदित्यानाथ के बजाए खुद मैदान में उतरने जा रहे हैं।