बिहार: नौकरी देने की सियासत के बीच सरकार ने उर्दू कर्मियों को दिया नियुक्ति पत्र, भापजा-केंद्र पर साधा निशाना
By एस पी सिन्हा | Published: November 3, 2022 04:53 PM2022-11-03T16:53:55+5:302022-11-03T17:05:55+5:30
इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा समाज में गड़बड़ी का माहौल बना रही है। ऐसे में उन्होंने यह भी कहा कि समाज में नफरत फैलाने का काम भाजपा के लोग ही कर रहे हैं।
पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उर्दू अनुवादक व अन्य उर्दू कर्मियों को आज नियुक्ति पत्र दिया है। इस दौरान सभी नवनियुक्त उर्दू कर्मियों को बधाई देते हुए बेहतर तरीके से काम करने का मन्त्र भी दिया है।
भाजपा और केंद्र पर सीएम नीतीश कुमार ने साधा निशाना
नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार पिछड़े राज्यों की कोई मदद नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार की बहुत पुरानी मांग है विशेष राज्य का दर्जा, पर केंद्र इस मांग पर चुप्पी साध चुका है और कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिला होता तो यहां और भी ज्यादा विकास होता। महागठबंधन सरकार का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने बल पर राज्य का विकास कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार समाज में बना रही है गड़बड़ी का माहौल- सीएम नीतीश
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि दिल्ली की सरकार समाज में गड़बड़ माहौल बना रही है, उसका कोई ठिकाना नहीं है वह कब क्या कर देगी? भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि समाज में नफरत फैलाने का काम भाजपा के लोग ही कर रहे हैं। माहौल बिगड़ने कि कोशिश की जा रही है। लेकिन बिहार के लोग सब समझते हैं। समाज में जहर घोलने का काम भी भाजपा ही कर रही है।
सीएम नीतीश बोलें- सद्भाव और प्रेम का माहौल बना रहे
नीतीश कुमार ने कहा कि आजकल जो माहौल उत्पन्न करने की कोशिश हो रही है वह तो गड़बड़ है। हम चाहते हैं कि सब जगह सद्भाव और प्रेम का माहौल रहे। 2005 से ही हम यही शब्द बोलते रहें और करते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग शुरू से ही लगे हुए हैं।
इसलिए उर्दू को दिया गया महत्व- सीएम नीतीश
2008 में हमने तय किया कि जितने भी स्कूल हैं, उसमें उर्दू के लिए भी बहाली होनी चाहिए। माध्यमिक विद्यालय में भी उर्दू शिक्षकों की बहाली होनी चाहिए। ऐसा हमने किया, ऐसा इसलिए किया ताकि उर्दू की जानकारी लोगों को हो। हम तो जितना चाहते हैं उतना बहाली नहीं हुई है।