अमरनाथ यात्रा के बीच कश्मीर में चला ‘तलाशो और मार डालो’ अभियान, पिछले 3 माह में 4 जिलों से 42 ओवरग्राउंड समर्थक गिरफ्तार, कई आतंकी ढेर
By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 11, 2022 02:25 PM2022-05-11T14:25:42+5:302022-05-11T14:38:34+5:30
आपको बता दें कि पिछले तीन महीनों में अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां में सुरक्षाबलों के ‘तलाश करो और मार डालो’ अभियान के जरिए 60 ओवर ग्राउंड समर्थक को गिरफ्तार किया गया है।
जम्मू:अमरनाथ यात्रा के आरंभ करवाए जाने की घोषणा के बाद से ही दक्षिण कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ों का हॉट स्पॉट बन चुका है। इस साल अभी तक मारे गए 80 के करीब आतंकियों में से 55 को दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में ही ढेर किया गया है। इसके पीछे का कारण, सुरक्षाबलों द्वारा छेड़ा गया ‘तलाश करो और मार डालो’ अभियान है। इस अभियान के जरिए अमरनाथ यात्रा को सकुशलता से पूरा करने का टारगेट है।
अमरनाथ यात्रा पर अभी भी पूरे तरीके से नहीं टला है आतंकियों का खतरा
कश्मीर रेंज के आईजी विजय कुमार भी कल मारे गए दो आतंकियों के बारे में बोले थे। उन्होंने कहा था कि अमरनाथ यात्रा के खतरा को टाल दिया गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा, आंतकियों का टारगेट अब अमरनाथ यात्रा है तो सुरक्षाबलों का भी टारगेट अब वे आतंकी हैं जो इस यात्रा को निशाना बनाना चाहते हैं। हालांकि सूत्रों से यह खबर आई है कि अमरनाथ यात्रा पर खतरा अभी पूरी तरह से इसलिए नहीं टला है क्योंकि बहुत से आतंकी सीमा पार से निर्देशों के उपरांत इन्हीं जिलों में आ चुके हैं।
4 जिलों से पकड़े गए 42 ओवर ग्राउंड समर्थक
आपको बता दें कि दक्षिण कश्मीर से होकर अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालु शिरकत करते हैं। फिलहाल तीन महीनों से अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां में सुरक्षाबलों के ‘तलाश करो और मार डालो’ अभियान से थर्रा रहे हैं। इस अवधि में करीब 60 गिरफ्तार किए गए ओवर ग्राउंड समर्थकों में से 42 को इन्हीं चार जिलों से पकड़ा गया है। इन के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद भी बरामद किए गए हैं।
खराब मौसम के बाद भी सेना की हुई थी जल्दी तैनाती
अगर रक्षाधिकारियों की मानें तो दक्षिण कश्मीर समेत अन्य इलाकों में तेज होते आतंकी हमले आतंकियों की उस हताशा का परिणाम था जो सेना के ‘तलाश करो और मार डालो’ अभियान से उनमें फैली हुई है। खबरों के मुताबिक, अमरनाथ गुफा के रास्तों पर सेना के जवानों की तैनाती का कार्य विपरीत मौसम के बावजूद इस बार जल्दी ही आरंभ हो जाएगा और सेना तैनाती से पूर्व क्षेत्र को आतंकियों से मुक्त कर लेना चाहती है।
वैसे अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर सेना की तैनाती आधिकारिक तौर पर नहीं होगी। सेनाधिकारी कहते हैं कि उनके पास यात्रा के बाहरी इलाकों की सुरक्षा का भार हमेशा की तरह रहेगा। लेकिन सूत्रों के अनुसार, अन्य सुरक्षाबलों को इस बार भी खतरे को भांपते हुए सेना की कमान के तहत ही अमरनाथ यात्रा में कार्य करना होगा।