शीतलहर के बीच लखनऊ के अस्पतालों में सांस की समस्या वाले रोगियों की संख्या में हुआ इजाफा, 50-60 फीसदी की देखी गई वृद्धि
By मनाली रस्तोगी | Published: January 13, 2023 10:30 AM2023-01-13T10:30:57+5:302023-01-13T10:32:52+5:30
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि जहां कई लोग दिल के दौरे जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं, वहीं खराब मौसम के कारण श्वसन संबंधी समस्याओं के रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
लखनऊ: उत्तर भारत में चल रही शीतलहर के साथ उत्तर प्रदेश के लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में सांस की समस्याओं के रोगियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। लखनऊ के केजीएमयू, लोहिया और सिविल अस्पताल में गुरुवार को सांस की समस्या वाले मरीजों की संख्या में 50-60 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि जहां कई लोग दिल के दौरे जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं, वहीं खराब मौसम के कारण श्वसन संबंधी समस्याओं के रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। रेस्पिरेटरी मेडिसिन डॉक्टर और चेस्ट स्पेशलिस्ट बीएन सिंह ने कहा कि बेहद ठंडे मौसम के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
डॉक्टर ने आगे कहा, "मरीजों में सांस की तकलीफ, खांसी और सांस लेने की अन्य समस्याएं जैसे विभिन्न लक्षण देखे गए हैं। जो लोग पहले से ही गंभीर या गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें अपना ध्यान रखना चाहिए और गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए।" सिविल अस्पताल के निदेशक आनंद ओझा ने कहा, "अस्पताल में सांस के रोगियों की संख्या में 50-60 प्रतिशत की बढ़ोतरी का कारण तापमान में गिरावट है।"
उन्होंने कहा, "इस मौसम में लोग अपने घरों में अंगीठी, हीटर और ब्लोअर का प्रयोग करते हैं जिससे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इसलिए सांस लेने में समस्या होती है। लोगों को ठंड के मौसम से खुद को बचाने और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।" डॉक्टर ने सुझाव दिया कि लोगों को नियमित रूप से गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए और घर से बाहर निकलने से पहले गर्म कपड़े पहनने चाहिए ताकि वे कोहरे और प्रदूषण से सुरक्षित रहें।
दूसरी ओर दिल्ली में भी मौसम के कारण सांस और हृदय रोगियों में वृद्धि दर्ज की गई। एएनआई से बात करते हुए एचओडी मेडिसिन और सर गंगाराम अस्पताल के उपाध्यक्ष डॉ एसपी ब्योत्रा ने कहा, "सर्दियों में सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि सर्दियों में कोहरे के साथ-साथ प्रदूषण भी होता है, जिससे कई बीमारियां होती हैं, जिनमें सर्दी, खांसी, दस्त, बुखार और निमोनिया जैसी बीमारियां बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही अन्य संक्रमण भी होने लगते हैं। गंगाराम अस्पताल में भी इन बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।"
डॉ ब्योत्रा ने कहा कि इन दिनों 70 से 80 फीसदी मामले उन मरीजों के होते हैं जिन्हें पहले से ही अस्थमा जैसी सांस की बीमारी है। सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरुण मोहंती के अनुसार, हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सर्दियों में अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है क्योंकि उन्हें दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता है।