उत्तराखंड: किसी खतरे का संकेत? चारधाम यात्रा की तारीखों के ऐलान के बीच जोशीमठ के पास बद्रीनाथ हाईवे पर उभरी कई दरारें
By विनीत कुमार | Published: February 20, 2023 08:08 AM2023-02-20T08:08:45+5:302023-02-20T08:21:48+5:30
जोशीमठ में दरारों की समस्या की बीच अब बद्रीनाथ हाईवे पर भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है। पिछले ही हफ्ते सरकार ने चारधाम यात्रा की तारीखों का ऐलान किया था। ऐसे में हाईवे पर दरारे चिंता बढ़ाने वाली हैं।
देहरादून: उत्तराखंड सरकार की ओर से शनिवार को चारधाम यात्रा की तारीखों के ऐलान के बीच जोशीमठ के पास बद्रानाथ हाईवे पर करीब 10 से अधिक ताजा दरारे उभर आने की बात सामने आई है। ये हाईवे बद्रीनाथ श्राइन से जोड़ता जो गढ़वाल हिमालय में स्थित सबसे बड़े तीर्थस्थलों में से एक है। स्थानीय लोगों के अनुसार ताजा दरारें जोशीमठ से माड़वारी के बीच करीब 10 किमी की दूरी में फैले हुई हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति (जेबीएसएस) के पदाधिकारी संजय उनियाल ने बताया, 'जोशीमठ के पास बद्रीनाथ राजमार्ग पर कम से कम 10 स्थानों पर नई दरारें हैं। राज्य सरकार के दावों के विपरीत पुरानी दरारें चौड़ी हो रही हैं और नई दरारें भी आ रही हैं।' बता दें कि जेबीएसएस नागरिकों का एक ग्रुप है जो जोशीमठ में आई दरारों और जमीन धंसने की समस्या को उजागर कर रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार एसबीआई शाखा के सामने, रेलवे गेस्ट हाउस के पास, जेपी कॉलोनी से आगे और मारवाड़ी पुल के पास राजमार्ग के हिस्सों पर दरारें प्रमुख रूप से नजर आ रही हैं। एक निवासी प्रणव शर्मा ने बताया कि रविग्राम नगरपालिका वार्ड में 'जीरो बेंड' के पास राजमार्ग का एक छोटा सा हिस्सा धंस भी गया है। इसके अलावा राजमार्ग पर वो दरारें जो पहले सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा सीमेंट से भर दी गई थीं, फिर से उभरने लगी हैं।
एक वरिष्ठ भूवैज्ञानिक नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा, 'जिन स्थानों पर दरारें दिखाई दी हैं, उनकी विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से जांच की जानी चाहिए ताकि यह स्थापित किया जा सके कि जमीन धंसने के अन्य मामलों के साथ उसका संबंध है या नहीं।'
अखबार के अनुसार जिला अधिकारियों ने इस संबंध में सवालों के जवाब नहीं दिए, हालांकि चमोली के जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना का बयान मीडिया में जरूर आया जिसमें उन्होंने कहा कि एक टीम दरारों की जांच कर रही है और यह चिंता का कारण नहीं है।
इस बीच, जेबीएसएस के संयोजक अतुल सती ने कहा कि दरारें चिंता का एक प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा, 'बद्रीनाथ राजमार्ग पहले से ही धंसाव का सामना कर रहा है। हम नहीं जानते कि चार धाम यात्रा के समय जब हजारों वाहन सड़क पर दौड़ेंगे तो क्या होगा।'
गौरतलब है कि बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे, जबकि केदारनाथ की यात्रा 25 अप्रैल से शुरू होगी। इसकी घोषणा सरकार ने शनिवार को की। पिछले साल रिकॉर्ड 17.6 लाख तीर्थयात्री बद्रीनाथ पहुंचे, जो 2019 के 12 लाख के आंकड़े को पार कर गया।