अमेरिकी 'समुद्री बाज' करेगा सबमरीन का शिकार, सेना को मिलेंगे 'उड़ते टैंकर' चिनूक हेलिकॉप्टर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 27, 2020 05:34 AM2020-02-27T05:34:32+5:302020-02-27T05:34:32+5:30
भारत के हाथ अमेरिका का 'समुद्री बाज' कहे जाने वाला सी हॉक हेलिकॉप्टर और 'उड़ते टैंकर' के नाम से प्रसिद्ध न्चिनूक हेलिकॉप्टर मिलने वाले हैं. ट्रम्प के दौरे से इन अत्याधुनिक शिकारियों को मंजूरी मिलने से भारतीय सेना का मनोबल आसमान पर है.
दक्षिणी चीन सागर में दादागिरी जमा रहे चीन की नजरें हिंद महासागर और अरब सागर पर भी टिकी हुई हैं. उसकी पनडुब्बियां, युद्धपोत और जासूसी जहाजों को भारतीय समुद्री सीमा के करीब कई मर्तबा देखा गया है. वहीं जमीनी सरहदों पर चीन पाकिस्तान को सह देकर कब्जा जमाने की फिराक में है.
इन दोनों चुनौतियों से निपटने के लिए जल्द ही भारत के हाथ अमेरिका का 'समुद्री बाज' कहे जाने वाला सी हॉक हेलिकॉप्टर और 'उड़ते टैंकर' के नाम से प्रसिद्ध न्चिनूक हेलिकॉप्टर मिलने वाले हैं. ट्रम्प के दौरे से इन अत्याधुनिक शिकारियों को मंजूरी मिलने से भारतीय सेना का मनोबल आसमान पर है. समुद्री सीमा पर चौकन्ना 'सी हॉक' भारत को अत्याधुनिक लड़ाकू हेलिकॉप्टर एमएच 60 'आर' सी हॉक रोमियो मिलने वाले हैं. दोनों देशों के बीच 24 हेलिकॉप्टरों के लिए सौदा हुआ है. समुद्री बाज के नाम से पहचाने जाने वाला सी हॉक हेलिकॉप्टर को सबमरीन के लिए काल माना जाता है.
ये हेलिकॉप्टर भारत के पुराने हो चुके ब्रिटेन निर्मित सी किंग हेलिकॉप्टरों की जगह लेंगे. ये हेलिकॉप्टर भारतीय रक्षा बलों को सतह और पनडुब्बी भेदी युद्धक अभियानों को सफलता से अंजाम देने में सक्षम बनाएंगे. इसलिए कहते हैं समुद्री बाज उत्तरी अमेरिका के समुद्री इलाके में पाया जाने वाला सी हॉक या ऑस्प्रे एक तरह का समुद्री बाज है, जो विशालकाय मछलियों के शिकार के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. ये बाज किसी भी परिस्थिति में शिकार करने में सक्षम होते हैं.
इसलिए इन्हें शानदार शिकारी कहा जाता है. अमेरिकी हेलिकॉप्टर भी इन्हीं खूबियों के लिए जाना जाता है. खूबियां - समुद्र उड़ता फ्री गेट है सी हॉक - मारक क्षमता करीब 834 किलोमीटर - हेलिकॉप्टर का वजन 689 किलोग्राम - कई मोड वाले रडार - नाइट विजन उपकरण - हेलिफायर मिसाइलें, - एमके-54 टारपीडो और रॉकेट से लैस बेहद खास है अपाचे-64ई 'उड़ता टैंक' कहे जाने वाला अपाचे-64ई पूरी तरह से लड़ाकूहेलिकॉप्टर है और कुछ समय पहले ही इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था.
अपाचे को लेकर वायुसेना और सेना के बीच काफी खींचतान हुई थी, अब सरकार ने दोनों को इसको खरीदने की अनुमति दे दी है. अपाचे अपने मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम की वजह से दुनिया का सबसे उन्नत युद्धक हेलिकॉप्टर माना जाता है. यह रात के अंधेरे में भी दुश्मन पर मार करने में सक्षम है.
यह खुद ही अपने दुश्मन की पहचानकर उसे तबाह कर देता है. खूबियां - स्ट्रिंगर एयर टू एयर मिसाइल - हेलफायर लॉन्ग बो एयर-टू- ग्राउंड मिसाइलें - गन तथा रॉकेट से लैस - ड्रोन विमानों को निशाना बनाने में सक्षम - 256 मूविंग टार्गेट्स को ढूंढकर उन पर कहर बरपाने की क्षमता - दुनिया में 2400 अपाचे दे रहे हैं सेवा - 20000 फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है