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Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा को लेकर राज्य सरकार और उप राज्यपाल के बीच तनातनी, श्रद्धालुओं व्यवस्था उमर सरकार के हवाले और सुरक्षा उप राज्यपाल के पास

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 22, 2025 15:24 IST

Amarnath Yatra 2025: सुरक्षा मामलों में मौजूदा निर्वाचित सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

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Amarnath Yatra 2025: इस बार जिस अमरनाथ यात्रा पर कश्मीर की अर्थ व्यवस्था और पर्यटन का दारोमदार बताया जा रहा है उस पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। विवाद का कारण यह है कि इस यात्रा को डबल इंजन की व्यवस्था से जूझना होगा। इसके लिए अगर व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी उमर सरकार के उपर है तो सुरक्षा का भार उप राज्यपाल प्रशासन के पास।

यह पूरी तरह से सच भी है। इसे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी स्वीकार कियाहै। जिनका कहना था कि अमरनाथ यात्रा के लिए उनकी सरकार ने सभी आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध कर दिया है, लेकिन सुरक्षा की जिम्मेदारी राजभवन और उपराज्यपाल की है। वे अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे के संदर्भ में कहते थे कि उन्होंने सुरक्षा का इंतजाम किया होगा।

दरअसल गंदरबल में पत्रकारों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा था कि आने वाले श्रद्धालु शांत और विश्वासपूर्ण वातावरण में अपनी यात्रा पूरी कर सुरक्षित अपने घरों को लौटेंगे। पूरा कश्मीर उनके स्वागत के लिए तैयार है।

उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था और सुरक्षा मामलों की जिम्मेदारी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पास है। जम्मू कश्मीर पुलिस मौजूदा परिस्थितियों में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। सुरक्षा मामलों में मौजूदा निर्वाचित सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा तीन जुलाई से शुरू हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्वाचित सरकार की हमारी जो जिम्मेदारी थी, उसके मुताबिक बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा, स्वच्छता, खाद्य सामग्री, परिवहन समेत सभी प्रबंध किए जा चुके हैं।

पिछले दिनों उप राज्यपाल मनोज सिन्हा इसके प्रति स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रदेश में सिर्फ पुलिस ही उनके अधिकार में है। तो ऐसे में क्या अन्य केंद्रीय सुरक्षा बल और सेना की तैनाती का जिम्मा और उनकी सेवाएं किसके पास रहेंगें यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।

नतीजा यह है कि पहले ही इस बार हेलिकाप्टर सेवा को अमरनाथ यात्रा में निरस्त कर खतरे के प्रति चेताया जा चुका है और अब अमरनाथ यात्रा एक नए विवाद से घिर गई है। थोड़े दिन पहले इस बार की यात्रा अवधि को लेकर जो विवाद पैदा हुआ था वह भी अभी तक ठंडा नहीं हुआ है।

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