Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में इंटरनेशनल बार्डर का हीरानगर सेक्टर चुनौतीपूर्ण
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 23, 2025 17:29 IST2025-06-23T17:29:24+5:302025-06-23T17:29:24+5:30
बार्डर से लगते गांवों से लेकर हाईवे तक हर गली, हर मोड़, हर मार्ग की कड़ी निगरानी की जा रही है। सुरक्षाबलों द्वारा पैदल गश्त भी बढ़ा दी गई है और स्थानीय स्तर पर खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है।

Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में इंटरनेशनल बार्डर का हीरानगर सेक्टर चुनौतीपूर्ण
जम्मू: सुरक्षाधिकारियों ने इसे स्वीकार किया है कि कई आतंकी हमलों और कई घुसपैठों का साक्षी रहा जम्मू संभाग के इंटरनेशनल बार्डर का हीरानगर सेक्टर इस बार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चुनौती साबित हो सकता है। दरअसल हीरानगर सेक्टर से गुजरने वाला नेशनल हाईवे इंटरनेशनल बार्डर से कुछ ही किमी की दूरी पर है।
यही कारण था की हीरानगर सेक्टर की संवेदनशीलता को देखते हुए सीमावर्ती इलाकों में भी चौकसी बढ़ा दी गई है। बार्डर से लगते गांवों से लेकर हाईवे तक हर गली, हर मोड़, हर मार्ग की कड़ी निगरानी की जा रही है। सुरक्षाबलों द्वारा पैदल गश्त भी बढ़ा दी गई है और स्थानीय स्तर पर खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है।
इसे भूला नहीं जा सकता कि इस बार की अमरनाथ यात्रा सुरक्षा के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है। प्रशासन ने हर स्थिति से निपटने की रणनीति तैयार कर ली है। ड्रोन की मदद से संवेदनशील क्षेत्रों की लगातार निगरानी की जा रही है। हीरानगर सेक्टर के कुछ हिस्सों में हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो सीधे कंट्रोल रूम को फीड भेज रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सेना भी हीरानगर के बार्डर क्षेत्रों में हाई अलर्ट पर है।
अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेशनल बार्डर से लगे हुए मार्गों पर स्पेशल चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं, ताकि किसी भी संभावित घुसपैठ या आतंकी गतिविधि को पहले ही रोका जा सके। सभी एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित कर लिया गया है और फील्ड अफसरों को नियमित रूप से ब्रीफिंग दी जा रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि अमरनाथ यात्रा आस्था का महापर्व है और इसमें किसी भी तरह की बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हीरानगर सेक्टर में हर मोर्चे पर सतर्कता बरती जा रही है ताकि बाबा बर्फानी के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालु निश्चिंत होकर अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
इस बीच सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कश्मीर का दौरा कर अमरनाथ यात्रा के लिए की जा रही सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कश्मीर क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों और अधिकारियों से मुलाकात कर सुरक्षा व्यवस्था और हालात की जानकारी ली। उनकी चर्चा और चिंता का विषय भी इस बार अमरनाथ यात्रा ही थी।
भारतीय सेना के अनुसार, जनरल द्विवेदी को मौजूदा आपरेशनल स्थिति और रणनीतिक पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्हें यह भी दिखाया गया कि सेना किस तरह आधुनिक तकनीकों को अपने अभियानों में शामिल कर रही है, जिससे सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था और बेहतर हो रही है। सेना प्रमुख ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को पूरी सुरक्षा दी जाए और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर स्तर पर तैयारियां पूरी रहें।
अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। पिछले साल करीब 4.5 लाख तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा के दर्शन किए थे। ऐसे में श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन विभाग ने पहलगाम में एक माक ड्रिल (अभ्यास) का आयोजन किया। इस अभ्यास में ग्लेशियर फटने से आने वाली बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति को दिखाया गया व इससे निपटने के लिए भी अभ्यास किया गया।
जम्मू कश्मीर आपदा प्रबंधन विभाग की डिप्टी सेक्रेटरी स्नोबर जमील ने बताया कि अमरनाथ यात्रा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम पहले से ही तैयार रहें। आजकल अचानक मौसम बदलने, बादल फटने जैसी घटनाएं आम हो गई हैं, इसलिए हमारी टीमें पहले से प्रशिक्षित हैं और जरूरी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।