जम्मू-कश्मीरः शनिवार सुबह बादल फटने की घटना के बाद प्रभावितों को निकालने के लिए सेना के जवान नीलग्रार के बालटाल पहुंचे। 15,000 लोगों को प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। फिहलहाल यात्रा रोक दी गई है।
भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि 15 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। बचाव अभियान जारी है। आईटीबीपी के पीआरओ विवेक कुमार पांडे ने कहा कि पवित्र गुफा से पंजतरणी का 6 किमी का इलाका है। हम लगभग 15,000 लोगों को पंजतरणी में लेकर आए हैं।
30-40 लोग अभी गुमशुदा
विवेक पांडे ने कहा कि यात्रियों को खाना शेल्टर, आदी मुहैया कराया जा रहा है। हमने रात में ही सभी लोगों को रास्ते से बचा लिया था। उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन से हमें सूचना मिली है कि करीब 30-40 लोग अभी गुमशुदा हो सकते हैं। हादसे के बाद ITBP, भारतीय सेना, NDRF, SDRF और जम्मू-कश्मीर पुलिस साथ मिलकर काम कर रही है।
विवेक कुमार ने बताया कि गुफा वाले इलाके से हमें कई गुमशुदा लोग मिल सकते हैं। आईटीबीपी पीआरओ ने कहा, यात्रा फिलहाल के लिए रोक दी गई है। लोगों को हम सलाह दे रहे हैं कि वह ऊपर न जाए। सभी यात्री सुरक्षित हैं और चिंता की बात नहीं है। दोपहर बाद काफी हद तक स्थिति सामान्य होने की संभावना है और अगर प्रशासन निर्णय लेगा तो यात्रा फिर से शुरू कर सकते हैं।
वहीं दिल्ली नोडल चिकित्सा अधिकारी मेजर पंकज कुमार ने बताया, "10 मरीज आए थे जिनको हमने प्राथमिक चिकित्सा देकर बालटाल अस्पताल भेजा है। हमारे पास असल आंकड़े नहीं है।"
बादल फटने के कारण अब तक 15 की मौत हो चुकी है
अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से अब तक कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है और 40 के लापता होने की आशंका है। इसके साथ ही 25 टेंट और तीन सामुदायिक रसोई क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बादल फटने का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पाली की बाढ़ तेजी से बहती नजर आ रही है। आईटीबीपी के मुताबिक, ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के बाद गुफा के ऊपर से पानी आया।
बादल फटने की घटना के बाद जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर
अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने की घटना के बाद श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि अमरनाथ में बादल फटने की घटना में 15 लोगों की मृ्त्यु की खबर है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पैदल यात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य टीमें बचाव अभियान में जुटी हैं।