अमरमणि त्रिपाठी को पत्नी समेत आजीवन कारावास से मिली मुक्ति, मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में मिली थी सजा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 25, 2023 11:30 AM2023-08-25T11:30:59+5:302023-08-25T11:37:56+5:30

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट करे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावस से मिली रिहाई।

Amarmani Tripathi got freedom from life imprisonment along with his wife, was punished in Madhumita Shukla murder case | अमरमणि त्रिपाठी को पत्नी समेत आजीवन कारावास से मिली मुक्ति, मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में मिली थी सजा

अमरमणि त्रिपाठी को पत्नी समेत आजीवन कारावास से मिली मुक्ति, मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में मिली थी सजा

Highlightsबाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावस से मिली रिहाईराज्यपाल आनंदीबेन पटेल के आदेश पर कारागार प्रसाशन और सुधार विभाग ने जारी किया रिहा दोनों यूपी के बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट करे थे

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट करे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश शासन ने अच्छे आचरण के आधार पर सजा के 20 साल पूरे होने पर रिहा करने का आदेश दिया है।

यह आदेश उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अनुमति से कारागार प्रसाशन और सुधार विभाग ने जारी किया है। इस आदेश के साथ गोरखपुर जेल में सजा काट रहे त्रिपाठी दंपति को बांड भरने पर जेल की दीवारों से आजाद कर दिया जाएगा।

लेकिन इस मामले में अभी भी एक पेंच फंसा हुआ है और वो यह है कि कवयित्री मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला हत्याकांड में सजायाफ्ता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि के जेल से रिहाई का विरोध करती हुई आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच गई है, जहां आज दिन में इस मुद्दे पर सुनवाई होगी।

9 मई 2003 को लखनऊ की पेपरमिल कॉलोनी में हुई युवा कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या ने न सिर्फ सत्ता के गलियारों में भूचाल ला दिया था, बल्कि इस हत्याकांड ने गोरखपुर के नौतनवा विधानसभा क्षेत्र (पूर्व में लक्ष्मीपुर) के तत्कालीन विधायक और मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का पूरा राजनैतिक करियर खत्म कर दिया था और उन्हें इस हत्याकांड के दोषी के तौर पर 2 दशक जेल में बिताने पड़े।

90 के दशक में मंचों से कविता पढ़ने वाली मधुमिता शुक्ला लखीमपुर खीरी के छोटे से कस्बे से निकलकर जल्द ही राजधानी लखनऊ की जानी पहचानी शख्सियत बन गईं और उसके पीछे मुख्य वजह थे अमरमणि त्रिपाठी। जो 90 के दशक में उत्तर प्रदेश के बाहुबली और प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते थे।

जल्द ही मधुमिता और अमरमणि के ताल्लुकात इतने गहरे हो गये कि वो अमरमणि की पत्नी मणुमणि की निगाहों में कांटे की तरह खटकने लगीं। कहा तो यह भी जाता है कि बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी ने मधुमिता को पेपरमिल कॉलोनी में रहने के लिए फ्लैट दिया था। दोनों के बीच ऐसी नजदीकियां थीं कि अगरमणि उस पर जमकर पैसा लुटाने लगे। मधुमिता को अमरमणि की जिंदगी से बेदखल करने के लिए और अपने जीवन का कांट मानते हुए मधुमणि ने उसकी हत्या की साजिश रची।

सीबीआई की जांच में यह साबित हुआ कि मणुमणि के कहने पर लखनऊ की पेपरमिल कालोनी में 9 मई, 2003 को मधुमिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सीबीआई ने अमरमणि और मधुमणि समेत अन्य आरोपियों के विरुद्ध देहरादून की कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था।

देहरादून की कोर्ट ने 24 अक्टूबर, 2007 को मधुमिता शुक्ला हक्याकांड में अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजे रोहित चतुर्वेदी व शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वहीं एक अन्य शूटर प्रकाश पांडेय को साक्ष्य न होने के कारण बरी कर दिया था, जिसे बाद में नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रकाश पांडेय को भी दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

सीबीआइ जांच में सामने आया कि अमरमणि से मधुमिता के जिस्मानी रिश्ते थे, जिससे नाराज होकर अमरमणि की पत्नी मधुमणि ने मधुमिता की हत्या की साजिश रची थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ था कि मधुमिता गर्भवती थी और डीएनए जांच में पता चला था कि मधुमिता के पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि त्रिपाठी का ही था।

Web Title: Amarmani Tripathi got freedom from life imprisonment along with his wife, was punished in Madhumita Shukla murder case

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