नशे पर अमरिंदर सरकार ने कुछ नहीं किया, पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री पर किया हमला, जानें पत्र में क्या लिखा
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 31, 2021 02:47 PM2021-08-31T14:47:20+5:302021-08-31T15:00:03+5:30
सोमवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य विधानसभा के विशेष सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा था कि एक दिन के सत्र से लोगों की समस्या का समाधान नहीं होगा।
चंडीगढ़ः कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर फिर से हमला किया। पूर्व मंत्री नवजोत सिंह ने कहा कि नशे पर अमरिंदर सरकार ने कुछ नहीं किया है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि हजारों युवा नशे के शिकार हुए हैं। कई मां ने पति और पुत्र को खो दिया। अकाली सरकार के कई मंत्री पर हमला किया। नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बार नशीली पदार्थों और उसके कारोबार को लेकर अमरिंदर सिंह सरकार को कठघड़े में खड़ा किया है।
सिद्धू ने एक बाद एक ट्वीट करके अपनी ही सरकार पर कई सवाल दागे। सिद्धू ने पूछा कि पंजाब पुलिस के द्वारा जो STF, पंजाब में नशे की बिक्री और नशे की सप्लाई में शामिल बड़े कारोबारी की धरपकड़ के लिए बनाई गई थी, उसने आखिरकार क्या कार्रवाई की। ट्वीट कर शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया के खिलाफ मादक पदार्थ मामले में कार्रवाई की भी मांग की।
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) August 31, 2021
सोमवार को सिद्धू ने राज्य विधानसभा के विशेष सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा था कि एक दिन के सत्र से लोगों की समस्या का समाधान नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि गुरु तेग बहादुर के 400वें ‘प्रकाश पर्व’ के मौके पर तीन सितंबर को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष सिद्धू के बीच खींचतान चल रही है।
क्रिकेट से राजनीति में आए सिद्धू ने सरकार से उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में राहत देने के लिए ऊर्जा नियामक को निर्देश देने की मांग सोमवार को ट्विटर के जरिये की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पंजाब सरकार को जनहित में निजी बिजली संयंत्रों को भुगतान किये जा रहे शुल्क को पुन: निर्धारित करने के लिए पीएसईआरसी को तत्काल निर्देश देना चाहिए और त्रुटिपूर्ण पीपीए (बिजली खरीद समझौता) को अमान्य करना चाहिए। त्रुटिपूर्ण पीपीए को रद्द करने के लिए विधेयक लाने के वास्ते और पांच से सात दिन का विधानसभा सत्र बुलाया जाना चाहिए।’’
Punjab Govt must immediately issue directions to PSERC in Public Interest to revise tariff being paid to Private Power Plants making the faulty PPAs null & void … Further calling a 5-7 day Vidhan Sabha Session to bring a New Legislation for termination of faulty PPAs !! pic.twitter.com/x9k5snhQ5U
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) August 30, 2021
सिद्धू ने कहा, ‘‘इससे पंजाब सरकार को आम श्रेणी के उपभोक्ताओं सहित सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने में मदद मिलेगी, घरेलू बिजली की दर घटाकर तीन रुपये प्रति यूनिट की जाए और उद्योगों के लिए पांच रुपये प्रति यूनिट की दर रखी जाए। इसके साथ ही बकाया सभी बिलों को देखा जाए और अनुचित एवं बढ़े हुए बिलों को माफ किया जाए।’’ अमृतसर पूर्व से विधायक सिद्धू ने अपना एक वीडियो भी अपलोड किया है जिसमें वह त्रुटिपूर्ण पीपीए को प्राथमिकता के आधार पर रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
सिद्धू ने कहा, ‘‘ जनहित में पंजाब सरकार को पंजाब राज्य बिजली नियामक आयोग (पीएसईआरसी) को निर्देश देना चाहिए और दर आदेश जारी करना चाहिए जिसके आधार पर बिजली की उचित कीमत पर खरीद होनी चाहिए और बढ़ी हुई कीमत पर हस्ताक्षर किए गए पीपीए को अमान्य घोषित करना चाहिए।’’
उन्होंने गुरु तेगबहादुर के 400 वें प्रकाश पर्व पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया। हालांकि, इसके साथ ही कहा, ‘‘ पंजाब के लोगों की जिंदगी सुधारने वाले कई मुद्दों को एक दिन के सत्र में नहीं सुलझाया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि सत्र कम से कम पांच दिनों का होना चाहिए।