अलवर रेप मामले में डॉक्टर ने कहा, पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में नहीं आई चोट, बीजेपी ने की CBI जांच की मांग
By रुस्तम राणा | Published: January 15, 2022 05:47 PM2022-01-15T17:47:23+5:302022-01-15T18:47:20+5:30
जयपुर में जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अरविंद ने कहा कि रेप पीड़िता के निजी अंगों में कोई चोट नहीं आई है। केवल पुलिस या चिकित्सा न्यायविद ही पुष्टि कर सकता है कि क्या कोई यौन हमला हुआ था, हम केवल उसका इलाज कर रहे हैं।
जयपुर: राजस्थान के अलवर रेप केस में बलात्कार पीड़िता का इलाज कर रहे एक सीनियर डॉक्टर ने यह बताया है कि पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में चोट नहीं आई है। जयपुर में जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अरविंद ने कहा कि रेप पीड़िता के निजी अंगों में कोई चोट नहीं आई है। अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर ने आगे कहा, केवल पुलिस या चिकित्सा न्यायविद ही पुष्टि कर सकता है कि क्या कोई यौन हमला हुआ था, हम केवल उसका इलाज कर रहे हैं।
Alwar Rape case, Rajasthan | No injury in private parts. Only police or medical jurist can confirm whether there was any sexual assault, we are only treating her...Yes, why not. It could be that that (accident): Dr Arvind, Superintendent, JK Lone Hospital, Jaipur pic.twitter.com/QqtkbbHCnD
— ANI (@ANI) January 15, 2022
वहीं अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने राजस्थान के मुख्य सचिव से 24 जनवरी तक इस संबंध में रिपोर्ट मांगी। उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा हम अलवर बलात्कार मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, अलवर एसपी ने कहा कि रेप का कोई सबूत नहीं मिला है। एसआईटी की रिपोर्ट से पहले ही पुलिस ने इस मामले में यू-टर्न ले लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में महिला सुरक्षा पर प्रियंका गांधी का नाम बचाने के लिए ऐसा किया गया है।
We demand CBI inquiry on the Alwar rape case; Alwar SP said that no evidence of rape was found. Even before SIT report, Police took a U-turn in this matter. This was done to save Priyanka Gandhi's name on women safety in Congress-ruled states: Rajasthan BJP chief Satish Poonia pic.twitter.com/IPh9cVPpph
— ANI (@ANI) January 15, 2022
इससे पहले, राजस्थान पुलिस ने कहा कि घटना में अब तक कोई सबूत नहीं मिला है और यौन उत्पीड़न की संभावना कम है। अलवर पुलिस ने फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर इसे रेप नहीं मानने का फैसला किया है। हालांकि इस मामले में मालाखेड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि 11 जनवरी को अलवर में तिजारा फ्लाईओवर पर लावारिस हालत में नाबालिग लड़की का खून बहता पाया गया, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस समय पीड़िता की हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर है।