मनीष सिसोदिया संग 'दुर्व्यवहार' का आरोप, दिल्ली कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का दिया आदेश
By मनाली रस्तोगी | Published: June 1, 2023 02:50 PM2023-06-01T14:50:06+5:302023-06-01T14:55:27+5:30
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को मनीष सिसोदिया की कानूनी टीम द्वारा एक आवेदन दायर करने के बाद अदालत परिसर के 23 मई के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने का आदेश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुरक्षाकर्मियों ने अदालत परिसर के अंदर उनके साथ दुर्व्यवहार किया था।
नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को मनीष सिसोदिया की कानूनी टीम द्वारा एक आवेदन दायर करने के बाद अदालत परिसर के 23 मई के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने का आदेश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुरक्षाकर्मियों ने अदालत परिसर के अंदर उनके साथ दुर्व्यवहार किया था।
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को भी सिसोदिया को केवल वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने की अनुमति के लिए अदालत में एक आवेदन दायर किया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग की जानी चाहिए क्योंकि अदालत में आप समर्थकों और मीडियाकर्मियों के जमा होने से उन्हें शारीरिक रूप से पेश करना अराजकता पैदा करता है।
इस तथ्य को संज्ञान में लेते हुए विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने स्पष्ट किया कि जब तक अर्जी पर फैसला नहीं हो जाता सिसोदिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही अदालत में पेश किया जाएगा और अदालत में व्यक्तिगत पेशी नहीं होगी। सिसोदिया को भी आज कोर्ट के लॉकअप से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश किया गया।
ईडी द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि वर्तमान आरोपी मनीष सिसोदिया की गतिविधियों के कारण लगभग 622 करोड़ रुपये के अपराध की कार्यवाही की गई है। पूरक आरोप पत्र विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मट्टा ने दायर किया था।
पूरक प्रभार में 2100 से अधिक पृष्ठ हैं। परिचालन भाग में 271 पृष्ठ हैं। आरोप 60 दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर दायर किया गया है। ईडी ने सिसोदिया को इस मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उन्हें सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। वह इस मामले में गिरफ्तार किए गए 29वें आरोपी हैं।
सीबीआई इस मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल कर चुकी है। सीबीआई मामले में उनकी जमानत पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत हाई कोर्ट में लंबित है। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज करते हुए कहा था कि आर्थिक अपराधों के इस मामले का आम जनता और समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ता है क्योंकि जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूत उक्त अपराध में उनकी संलिप्तता की बात करते हैं।