Lok Sabha Election 2024: दिवंगत नेता रामविलास पासवान के गढ़ हाजीपुर पर टिकी है सभी की निगाहें

By एस पी सिन्हा | Published: March 7, 2024 11:12 AM2024-03-07T11:12:53+5:302024-03-07T11:18:38+5:30

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार में सभी 40 लोकसभा सीटों पर सियासी दलों ने राजनीतिक रणनीतियाँ बनानी शुरू कर दी है।

All eyes are on Hajipur the stronghold of late leader Ram Vilas Paswan | Lok Sabha Election 2024: दिवंगत नेता रामविलास पासवान के गढ़ हाजीपुर पर टिकी है सभी की निगाहें

फाइल फोटो

Highlightsबिहार में सभी 40 लोकसभा सीटों पर सियासी दलों ने राजनीतिक रणनीतियाँ बनानी शुरू कर दी हैहाजीपुर लोकसभा सीट को दिवंगत नेता रामविलास पासवान का गढ़ कहा जाता थायहां से वह 10 बार चुनाव लड़े, जिसमें 8 बार जीत दर्ज की। साल 1977 में उन्होंने पहली बार सीट पर जीत हासिल करके कांग्रेस को बाहर किया था

Bihar: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार में सभी 40 लोकसभा सीटों पर सियासी दलों ने राजनीतिक रणनीतियाँ बनानी शुरू कर दी है। बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट हमेशा से ही चर्चित सीट रही है। इस संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। हाजीपुर लोकसभा सीट को दिवंगत नेता रामविलास पासवान का गढ़ कहा जाता था। यहां से वह 10 बार चुनाव लड़े, जिसमें 8 बार जीत दर्ज की।

साल 1977 में उन्होंने पहली बार सीट पर जीत हासिल करके कांग्रेस को बाहर किया था। 1989 में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के महावीर पासवान को 5 लाख 4 हजार वोटों से हराकर रिकॉर्ड कायम किया था। इस सीट को 1977 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया था। जिसके बाद इस पर रामविलास पासवान का कब्जा हो गया। वह यहां से सिर्फ दो बार चुनाव हारे। 1984 की कांग्रेस लहर में कांग्रेस प्रत्याशी रामरतन राम और 2009 में जदयू के उम्मीदवार रामसुंदर दास ने उन्हें हराया था।

हाजीपुर लोकसभा सीट पर आपातकाल के पहले तक कांग्रेस का वर्चस्व था। 1997 में कांग्रेस के खिलाफ चली सियासी हवा में ना सिर्फ़ युवा नेता रामविलास पासवान ने इस सीट पर कांग्रेस के किले में सेंधमारी की, बल्कि इस सीट पर अपनी राजनीतिक पकड़ भी मजबूत की। 1989 के चुनाव में रामविलास पासवान ने कांग्रेस प्रत्याशी महावीर पासवान को देश में सबसे ज़्यादा 4 लाख 69 हज़ार 7 वोट हासिल कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया।

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान ने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ा। इस कारण उनके भाई पशुपति पारस को हाजीपुर से उम्मीदवार बनाया गया था। पशुपति कुमार पारस ने अपने मुख्य प्रतिद्वंदी राजद के शिव चंद्र राम को 2 लाख से अधिक वोटों से हराया था। पशुपति पारस को 5,41,310 तो वहीं, शिव चंद्र राम को 3,35,861 वोट मिले थे। इस चुनाव में केवल 55 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस लोकसभा क्षेत्र में करीब 14 फीसदी पासवान मतदाता हैं, जो संख्या बल में दूसरे नंबर पर है।

वहीं एनडीए के प्रत्याशी होने के चलते इनके पास भूमिहार, ब्राह्मण, वैश्य, कायस्थ मतदाता, अति पिछड़ा और राजपूतों के वोट हैं। ये वोट एनडीए के आधार हैं, जिसके दम पर एनडीए पिछले चुनाव में जीता था। हाजीपुर लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं के संख्या 18 लाख से अधिक है। जिसमें 10 लाख के करीब पुरुष तो वहीं, 8 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं।

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