अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल सदस्यों की याचिका खारिज
By भाषा | Published: November 21, 2020 08:47 PM2020-11-21T20:47:59+5:302020-11-21T20:47:59+5:30
प्रयागराज, 21 नवंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के 12 प्रॉक्टोरियल सदस्यों की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें इन सदस्यों ने एक व्यक्ति को गलत ढंग से रोकने के एक मामले में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने पिछले बृहस्पतिवार को प्रोफेसर बृजभूषण सिंह और 11 अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि घटनास्थल पर आरोपियों की मौजूदगी विवादित नहीं है।
याचिकाकर्ताओं ने अलीगढ़ में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित आपराधिक मुकदमे को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
याचिकाकर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने गुड्डू सिंह नाम के एक व्यक्ति को गलत ढंग से रोका, उसके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और उसकी कार से भाजपा का झंडा उतारने के लिए उसे विवश किया।
अदालत ने कहा कि घटनास्थल पर आरोपियों की मौजूदगी विवादित नहीं है, इसलिए उन्होंने पीड़ित व्यक्ति को अपशब्द कहे या नहीं, यह निचली अदालत अपने समक्ष पेश साक्ष्यों को देखने के बाद ही निर्धारित कर सकती है।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं के वकील ने विश्वविद्यालय के उन परिपत्रों का हवाला दिया, जिनमें विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी राजनीतिक दल के वाहन पर झंडे का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है।
हालांकि राज्य सरकार के वकील ने इस याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि यह गंभीर अपराध है और इसका कानून व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता था।
प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों के मुताबिक, अलीगढ़ की बरौली विधानसभा सीट से भाजपा विधायक ठाकुर दलवीर सिंह का वाहन चालक होने का दावा करने वाला गुड्डू सिंह 22 अक्तूबर, 2019 को विधायक के पोते विजय कुमार सिंह को लेने गया था।
आरोप के अनुसार, उसने जब विश्वविद्यालय के परिसर में प्रवेश किया तो उसे प्रॉक्टोरियल टीम ने रोक लिया और वाहन से भाजपा का झंडा हटाने के लिए मजबूर किया। इस टीम ने उसे अपशब्द कहे और यह भी कहा कि उनके विश्वविद्यालय में भाजपा के लिए कोई स्थान नहीं है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।