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प्रियंका गांधी के उतरने से घबरा गए हैं अखिलेश यादव, कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल होने पर दिया बड़ा बयान

By विकास कुमार | Updated: February 13, 2019 14:13 IST

प्रियंका गांधी के रोड शो के बाद आखिर अखिलेश यादव का ह्रदय परिवर्तन क्यों हो रहा है? दरअसल अखिलेश यादव को ये समझ में आने लगा है कि प्रियंका गांधी बीजेपी से ज्यादा सपा और बसपा को नुकसान पहुंचाने पहुंचा सकती हैं.

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लखनऊ में प्रियंका गांधी के मेगा रोड शो के बाद बीजेपी से ज्यादा सपा-बसपा गठबंधन में हलचल दिख रही है. जिस तरह से लोगों ने प्रियंका गांधी का स्वागत किया है उसने टीपू भैया को सोच में डाल दिया है. बीते दिन अखिलेश यादव ने लखनऊ में कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल होने को लेकर कहा है कि कांग्रेस पहले से ही महागठबंधन का हिस्सा है. और उसे दो सीटें पहले से दी गयी है. अखिलेश अमेठी और रायबरेली का जिक्र कर रहे थे जिस पर सपा-बसपा ने कोई उम्मीदवार उतारने का फैसला नहीं किया है. लेकिन यह बयान अपने आप में विरोधाभासी है क्योंकि इसके पहले भी सपा और बसपा ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ कमजोर उम्मीदवार ही उतारे हैं. 

अखिलेश-मायावती का डर 

प्रियंका गांधी के रोड शो के बाद आखिर अखिलेश यादव का ह्रदय परिवर्तन क्यों हो रहा है? दरअसल अखिलेश यादव को ये समझ में आने लगा है कि प्रियंका गांधी बीजेपी से ज्यादा अखिलेश यादव और मायावती को नुकसान पहुंचाने वाली है. बीजेपी से नाराज लोग महागठबंधन की तरफ ना जाकर कांग्रेस का साथ दे सकते हैं. कांग्रेस के परंपरागत वोटबैंक उत्तर प्रदेश में मुस्लिम और ब्राह्मण रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में उतरने के बाद कांग्रेस एक बार फिर मुस्लिम वोटों को अपने साथ जोड़ सकती है. यही नहीं बीजेपी से नाराज  चल रहे ब्राह्मण एक बार फिर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. 

प्रियंका गांधी की मैराथन बैठक 

अतीत में भी ऐसे कई कांग्रेस के नेताओं का कहना था कि अगर प्रियंका गांधी पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम करें तो पार्टी की स्थिति प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में सुधर सकती है. कांग्रेस के नेता प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं जिनकी राजनीतिक समझ पर पार्टी और संगठन दोनों को भरोसा है. ऐसे में उनकी सक्रिय राजनीति में आने से पार्टी को उत्तर प्रदेश में जबरदस्त फायदा हो सकता है. पार्टी में आने से कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. 

प्रियंका गांधी दिन-रात कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात कर रही हैं और उनसे फीडबैक भी लिया जा रहा है. साथ में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कार्यकर्ताओं की शिकायतों का संज्ञान ले रहे हैं. कांग्रेस की रिसर्च टीम सभी सीटों का सर्वे कर रही है और आधुनिक तकनीकों का भी सहारा लिया जा रहा है. जिसमें डेटा पॉलिटिक्स भी शामिल है. कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद और राहुल गांधी की अध्यक्षता में डेटा सेल का गठन कर चुकी है और अब तमाम सीटों का मूल्यांकन किया जा रहा है. 

2009 में कांग्रेस को प्रदेश में 21 लोकसभा की सीटें हासिल हुई थी. सपा को 23 और बसपा को 20 सीटें मिली थी वहीं भाजपा 10 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस इसी तरह के परिणाम की अपेक्षा इस बार भी लगाये हुए है. इसके लिए तमाम नए समीकरणों की तलाश की जा रही है और इसमें मुख्य भूमिका में प्रियंका गांधी ही दिखने वाली हैं. हर बार पर्दे के पीछे से मैनेज करने वाली प्रियंका इस बार फ्रंटफूट पर आकर खेलने जा रही हैं. 

टॅग्स :अखिलेश यादवमायावतीराहुल गांधीप्रियंका गांधी
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