राज्य सभा चुनाव में बीजेपी की चांदी, उत्तर प्रदेश समेत उत्तराखंड की 11 सीटों में 10 सीटें जीत सकती है पार्टी
By हरीश गुप्ता | Published: October 14, 2020 06:37 AM2020-10-14T06:37:55+5:302020-10-14T06:37:55+5:30
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को मिलाकर रिक्त होने जा रहे 11 सीटों के लिए राज्य सभा चुनाव की घोषणा मंगलवार को कर दी। इन सीटों के लिए चुनाव 9 नवंबर को हैं।
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा भले ही तेजी से अपने गठबंधन सहयोगियों को खोती जा रही हो, लेकिन आगामी 9 नवंबर को उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में होने जा रहे राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी उच्च सदन में अपनी स्थिति बेहद मजबूत करने जा रही है.
उत्तरप्रदेश (10) और उत्तराखंड (1) से राज्यसभा की कुल 11 सीटें रिक्त होने जा रही हैं. भाजपा इन दोनों राज्यों की विधानसभाओं में अपनी जबर्दस्त स्थिति के बूते इनमें से 10 सीटों पर कब्जा जमा लेगी. फिलहाल राज्य सभा में भाजपा के 86 सांसद हैं. इस चुनाव के बाद उच्च सदन में कांग्रेस की सीटों की संख्या घटकर 38 रह जाएगी.
यूपी में 10 में से 9 पर बीजेपी कर सकती है कब्जा
भाजपा उत्तर प्रदेश में 10 में से 9 सीटें जीत सकती है, साथ ही उत्तराखंड की इकलौती सीट पर भी कब्जा जमा सकती है. राज्यसभा से रिटायर हो रहे भाजपा के तीन सांसदों- केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, पार्टी महासचिव अरुण सिंह और नीरज शेखर को फिर एक बार उच्च सदन भेजा जा सकता है.
साथ ही पार्टी 6 अतिरिक्त सीटों पर जीत हासिल करने जा रही है. उत्तराखंड से कांग्रेस के राजबब्बर भी सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं और राज्य से खाली होने जा रही इकलौती सीट पर भाजपा कब्जा जमा लेगी.
सपा, बसपा को बड़ा झटका
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में 54 विधायकों वाली समाजवादी पार्टी राज्यसभा की एक सीट हासिल करने की स्थिति में है. संभावना है कि पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भाई रामगोपाल यादव को फिर एक बार उच्च सदन के लिए नामित किया जाएगा.
इसके बावजूद पार्टी को बड़ा झटका लगने जा रहा है और राज्यसभा में उसके सदस्यों की संख्या 8 से घटकर 5 हो जाएगी. उत्तरप्रदेश विधानसभा में सिर्फ 19 विधायक होने के चलते बसपा अपने किसी नेता को राज्यसभा में नहीं पहुंचा सकती.
चुनाव के बाद उच्च सदन में पार्टी का संख्या बल मात्र दो रह जाएगा. दरअसल, उत्तरप्रदेश विधानसभा में पार्टियों का संख्याबल अनुपात कुछ ऐसा है कि यदि विपक्षी पार्टियां साथ मिल भी जाएं, तो भी वे एक से अधिक सीट नहीं जीत सकते.