राजस्थानः क्या अवैध बसों की आर्थिक मार से बच पाएगी राजस्थान रोडवेज?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 23, 2019 05:57 AM2019-08-23T05:57:59+5:302019-08-23T05:57:59+5:30
राजस्थान रोडवेज को लेकर उनका कहना था कि रोडवेज के सामने कई चुनौतियां है, जिनका हल निकालते हुए रोडवेज कर्मचारियों से किए गए वादे पूरे किए जाएंगे.
कई सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन प्रदेश में चल रही अवैध बसों की मार से राजस्थान रोडवेज नहीं बच पाई है, जिसके नतीजे में राजस्थान रोडवेज का आर्थिक ढांचा लगातार कमजोर होता गया है. राजधानी जयपुर में ही रोडवेज बस अड्डे के पास निजी बसों का संचालन लंबे समय से जारी है और कोई कानून-कायदा इस पर अब तक प्रभावी नहीं हो पाया है.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75 वीं जयन्ती- सद्भावना दिवस के अवसर पर सिंधी कैम्प केन्द्रीय बस अड्डे पर जयपुर से अलीगढ़ के लिए पहली सुपर लग्जरी वॉल्वो बस सेवा के शुभारम्भ मौके पर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया से कहा कि प्रदेश में एक भी अवैध बस को नहीं चलने दिया जाएगा. विभाग इसके लिए लगातार अभियान चला रहा है. एक ही नम्बर से चलने वाली कई बसों को बंद किया गया है.
सिंधी कैम्प और नारायण सिंह सर्किल पर बसों के कारण यातायात की समस्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि टैक्स देकर चलने वाली निजी बसों को यात्रियों को इनसे मिलने वाली सुविधा के कारण अचानक नहीं हटाया जा सकता. इसके लिए क्रमबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं. जयपुर की चारो दिशाओं में बस अड्डे विकसित किए जाएंगे, ताकि सिंधी कैम्प पर निजी बसों की समस्या दूर हो सके और यात्रियों को उनके आस-पास ही परिवहन सुविधा मिल सके.
उनका यह भी कहना था कि नारायण सर्किल पर भी अचानक बस सेवा बंद करने से एसएमएस अस्पताल से पैदल आकर बस पकड़ने वाले यात्रियों को असुविधा होगी, इसलिए इसका व्यावहारिक हल निकाला जाएगा.
उनका कहना था कि रोडवेज राजस्थान की लाइफ लाइन है, लिहाजा इसे मजबूत करने के लिए 1000 से अधिक नई बसें खरीदने, ग्रामीण बस सेवा शुरू करने, लोक परिवहन सेवा के नए परिमिट पर रोक लगाने जैसे फैसले किए जा चुके हैं.
उन्होंने बताया कि जयपुर-अलीगढ़ सुपर लग्जरी वॉल्वो बस प्रतिदिन रात्रि 11 बजे जयपुर से चलकर भरतपुर-मथुरा होते हुए प्रातः 5 बजे अलीगढ़ पहुंचेगी. अलीगढ़ से प्रातः 10 बजे रवाना होकर यह बस अपराह्न साढे 4 बजे जयपुर लौटेगी. यह बस जयपुर से अलीगढ़ तक करीब 300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
उन्होंने यह भी बताया कि इस सेवा की मांग लम्बे समय से की जा रही थी, क्योंकि कृष्णनगरी मथुरा और अलीगढ़ के लिए जयपुर से बड़ी संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है.
राजस्थान रोडवेज को लेकर उनका कहना था कि रोडवेज के सामने कई चुनौतियां है, जिनका हल निकालते हुए रोडवेज कर्मचारियों से किए गए वादे पूरे किए जाएंगे. सबसे पहले लोक परिवहन सेवा के नए परमिटों पर रोक लगाई गई, जिसे लेकर रोडवेज यूनियनें और कर्मचारी लंबे समय से संघर्ष करते रहे हैं. यही नहीं, प्रदेश सरकार हर माह रोडवेज को 45 करोड़ रुपए देगी. राजस्थान का गांव-गांव ग्रामीण बस सेवा से जुड़ा नजर आएगा.
प्रदेश में अवैध बसों के संचालन का मजबूत जाल है, जिसे पूरी तरह से काटने में अभी तक कामयाबी नहीं मिल पाई है, इसीलिए यह बड़ा सवाल है कि- क्या अवैध बसों की आर्थिक मार से बच पाएगी राजस्थान रोडवेज?