वो आखिरी 30 सेकेंड, मुझे विश्वास नहीं हो रहा कैसे बचा?, एआई 171 के एकमात्र जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश ने कहा-जब मेरी आंखें खुलीं तो मैं जीवित था, देखिए वीडियो

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 13, 2025 17:30 IST2025-06-13T17:28:06+5:302025-06-13T17:30:00+5:30

रमेश मूल रूप से केंद्र शासित क्षेत्र दमन दीव के निवासी हैं और ब्रिटेन की राजधानी लंदन से 140 किलोमीटर दूर लीसेस्टर में रहते हैं।

Air India plane crash Vishwas Kumar Ramesh only survivor AI 171, said can't believe how survived opened my eyes I was alive Seat 11A Miracle see video | वो आखिरी 30 सेकेंड, मुझे विश्वास नहीं हो रहा कैसे बचा?, एआई 171 के एकमात्र जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश ने कहा-जब मेरी आंखें खुलीं तो मैं जीवित था, देखिए वीडियो

वो आखिरी 30 सेकेंड, मुझे विश्वास नहीं हो रहा कैसे बचा?, एआई 171 के एकमात्र जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश ने कहा-जब मेरी आंखें खुलीं तो मैं जीवित था, देखिए वीडियो

Highlightsमैंने सीट से अपनी बेल्ट खोली और बाहर निकल आया।विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे।विमान में सवार कुल 242 लोगों में रमेश एकमात्र जीवित बचे हैं।

अहमदबादः अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रहे एअर इंडिया की दुर्घटनाग्रस्त उड़ान एआई 171 के एकमात्र जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश ने कहा कि उन्हें अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि कैसे वह चमत्कारिक रूप से उस हादसे में बच गए हैं जिसमें 265 लोगों की जान चली गई है। ब्रिटिश नागरिक रमेश ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि अहमदाबाद से गैटविक के लिए नौ घंटे की यात्रा पूरी करने के लिए विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद ही रुक गया तथा हरी और सफेद बत्तियां जल उठीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शहर के सिविल अस्पताल में भर्ती रमेश से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा। डीडी न्यूज को दिए साक्षात्कार में लीसेस्टर निवासी रमेश ने कहा, ‘‘यह सब मेरी आंखों के सामने हुआ। मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मैं कैसे बच गया।’’

 

उन्होंने कहा, ‘‘एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं, लेकिन जब मेरी आंखें खुलीं तो मैं जीवित था। मैंने सीट से अपनी बेल्ट खोली और बाहर निकल आया।’’ रमेश ने कहा, ‘‘मेरी आंखों के सामने एयरहोस्टेस और अंकल-आंटियों की मौत हो गई। एक मिनट के भीतर ऐसा लगा कि विमान रुक गया है। हरी और सफेद बत्तियां जल रही थीं।


ऐसा लग रहा था कि वे विमान को और अधिक गति देने के लिए ‘दौड़’ लगा रही हैं और विमान एक इमारत से टकरा गया।’’ रमेश (45)अहमदाबाद-लंदन एआई171 उड़ान संचालित करने वाले 12 साल पुराने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान की सीट संख्या 11ए पर बैठे थे। विमान में चालक दल के 12 सदस्यों सहित 242 लोग सवार थे।

सीट संख्या 11ए, एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान की इकोनॉमी क्लास की पहली पंक्ति की छह सीटों में से एक है। सीट मानचित्रके अनुसार, यह आपातकालीन निकास के पास एक खिड़की वाली सीट थी और विमान के प्लाइट अटेंडट के लिए बनाए गए स्थान से सटी हुई थी। रमेश ने बताया कि विमान का उनका हिस्सा हॉस्टल से नहीं टकराया, जिससे वह मलबे से दूर जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘विमान में जहां मैं बैठा था वह हिस्सा जमीन पर गिरा। मेरे पास थोड़ी जगह थी। जब दरवाजा खुला, तो मैं एक जगह ढूंढ़ पाया और भाग निकला। मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मैं जिंदा हूं। आग में मेरा बायां हाथ जल गया, लेकिन मैं दुर्घटनास्थल से बाहर निकल आया। मुझे यहां अच्छा इलाज मिला।’’

रमेश मूल रूप से केंद्र शासित क्षेत्र दमन दीव के निवासी हैं और ब्रिटेन की राजधानी लंदन से 140 किलोमीटर दूर लीसेस्टर में रहते हैं। दुर्घटनाग्रस्त विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे और उनकी भी इस हादसे में मृत्यु हो गई है। विमान में सवार कुल 242 लोगों में रमेश एकमात्र जीवित बचे हैं।

विमान में जहाज़ पर सवार 241 अन्य लोग - जिनमें 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश नागरिक, सात पुर्तगाली नागरिक और एक कनाडाई नागरिक शामिल थे - मारे गए। हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) के अनुसार, विमान ने रनवे 23 से भारतीय मानक समयानुसार अपराह्न 1:39 बजे अहमदाबाद से उड़ान भरा। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के मुताबिक हादसे से पहले पायलट ने आपात संदेश भेजा था लेकिन उसके बाद एटीसी ने उनसे संपर्क किया तो वहां से जवाब नहीं मिला।

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