कोविड पर बोले एम्स निदेशक गुलेरिया, लोगों की लापरवाही की वजह से बढ़े केस, लोग बीमारी को हल्के में ले रहे हैं...

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 17, 2021 04:00 PM2021-04-17T16:00:20+5:302021-04-17T16:02:13+5:30

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि पूरी मनुष्यता कठिन समय से गुजर रही है और जबतक जरूरी नहीं हो, तबतक लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

AIIMS Director Dr Randeep Guleria covid no vaccine is 100% efficient antibodies in our body virus  | कोविड पर बोले एम्स निदेशक गुलेरिया, लोगों की लापरवाही की वजह से बढ़े केस, लोग बीमारी को हल्के में ले रहे हैं...

लोगों से कोविड-19 रोधी टीका लगवाने का आग्रह किया। (file photo)

Highlights वायरस के ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के प्रकार शामिल हैं।स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण के बाहर हो सकती है।भारत में सार्स-कोव-2 के विभिन्न स्वरूप फैल रहे हैं।

नई दिल्लीः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को कहा कि लोगों का कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं करने और सार्स-कोव-2 के उच्च संक्रामक स्वरूप का प्रसार भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण हो सकता है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक ने कहा कि COVID मामलों में वृद्धि का कारण बहुक्रियाशील है। लेकिन 2 मुख्य कारण हैं- जब जनवरी / फरवरी में टीकाकरण शुरू हुआ और मामलों में कमी आई तो लोगों ने COVID के उचित व्यवहार का पालन करना बंद कर दिया और इस समय वायरस उत्परिवर्तित हो गया और यह तेजी से फैल गया।

लोगों से कोविड-19 रोधी टीका लगवाने का आग्रह किया। गुलेरिया ने कहा कि टीका लोगों को संक्रमित होने से नहीं बचाएगा लेकिन ये शरीर में इसके बढ़ने की रफ्तार को रोकेगा और संक्रमण को गंभीर रूप नहीं लेने देगा जिससे मृत्यु दर कम होगी।

रणदीप गुलेरिया कहा कि हमें याद रखना होगा कि कोई भी टीका 100% प्रभावी नहीं है। आपको संक्रमण हो सकता है, लेकिन हमारे शरीर में एंटीबॉडी वायरस को गुणा करने की अनुमति नहीं देंगे और आपको गंभीर बीमारी नहीं होगी। 

यह एक ऐसा समय है, जब हमारे देश में बहुत सारी धार्मिक गतिविधियाँ होती हैं और चुनाव भी चल रहे हैं। हमें समझना चाहिए कि जीवन भी महत्वपूर्ण है। हम इसे प्रतिबंधित तरीके से कर सकते हैं ताकि धार्मिक भावनाएं आहत न हों और COVID के उचित व्यवहार का पालन किया जा सके।

गुलेरिया ने आगाह किया कि अगर हालात नहीं बदले तो संक्रमण की तेज़ी से बढ़ती दर देश की स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था पर बड़ा दबाव डालेगी। उन्होंने प्रशासन और अधिकारियों द्वारा जमीन पर कोविड-उपयुक्त व्यवहार लागू कराने की मांग की। एम्स निदेशक ने कहा, “फरवरी के करीब, जब मामले कम होना शुरू हुए तो लोग कोविड-उपयुक्त व्यवहार के प्रति लापरवाह हो गए और उन्हें लगने लगा कि वायरस अप्रभावी हो गया है। ”

गुलेरिया ने कहा, “ लोग अब बीमारी को हल्के में ले रहे हैं। अगर आप बाहर जाएं तो आप देखेंगे कि बाजारों, रेस्तरां और शॉपिंग माल में भीड़ है और वे लोगों से भरे पड़े हैं तथा ये सभी सुपर स्प्रेडर (तेजी से प्रसार फैलाने वाली) घटनाएं हैं।”

उन्होंने कहा कि इससे पहले यदि एक बीमार अपने संपर्क में आए करीब 30 फीसदी लोगों को संक्रमित कर सकता था तो इस बार बीमार पड़ रहे लोग बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। गुलेरिया ने कहा, “ इसलिए, संक्रमण के प्रसार की दर तेज है, इसका कारण शायद, अत्यधिक संक्रामक और संचार्य स्वरूप का फैलना है। ”

Web Title: AIIMS Director Dr Randeep Guleria covid no vaccine is 100% efficient antibodies in our body virus 

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