AIIMS Delhi: प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के चिकित्सक ने मरीज के पिता से ‘सर्जरी’ के लिए मांगे पैसे, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल से रिपोर्ट मांगी, जानें

By भाषा | Published: September 21, 2022 03:34 PM2022-09-21T15:34:43+5:302022-09-21T15:36:05+5:30

AIIMS Delhi: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सुरक्षा कर्मी लाल सिंह चौबे ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अक्टूबर 2021 में उनकी बेटी के इलाज के लिए उन्होंने एक चिकित्सक से सम्पर्क किया था जिसने बाद में बताया कि उसे (उनकी बेटी को) ‘सर्जरी’ की जरूरत है। उनकी बेटी की ‘सर्जरी’ गत वर्ष 30 अक्टूबर को हुई।

AIIMS Delhi Department of Obstetrics and Gynecology doctor patient's father money 'surgery' Union Health Ministry sought report  | AIIMS Delhi: प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के चिकित्सक ने मरीज के पिता से ‘सर्जरी’ के लिए मांगे पैसे, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल से रिपोर्ट मांगी, जानें

शिकायकर्ता को एक ‘‘आपूर्तिकर्ता’’ से मिलवाया गया।

Highlightsकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स प्रशासन से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है।अस्पताल प्रशासन ने विभाग से हटाकर झज्जर के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान जाने को निर्देश दिया। शिकायकर्ता को एक ‘‘आपूर्तिकर्ता’’ से मिलवाया गया।

नई दिल्लीः नई दिल्ली स्थित एम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के एक चिकित्सक के एक मरीज के पिता से ‘सर्जरी’ के लिए कथित तौर पर पैसे मांगने के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल से रिपोर्ट मांगी है।

तथ्य-अन्वेषण समिति की प्राथमिक जांच में चिकित्सक के खिलाफ शिकायत को विचारणीय पाया था और इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने उसे विभाग से हटाकर झज्जर के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान जाने को निर्देश दिया। इस संबंध में जून में शिकायत की गई थी।

समिति की रिपोर्ट के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सुरक्षा कर्मी लाल सिंह चौबे ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अक्टूबर 2021 में उनकी बेटी के इलाज के लिए उन्होंने एक चिकित्सक से सम्पर्क किया था जिसने बाद में बताया कि उसे (उनकी बेटी को) ‘सर्जरी’ की जरूरत है। उनकी बेटी की ‘सर्जरी’ गत वर्ष 30 अक्टूबर को हुई।

चौबे ने आरोप लगाया कि ‘सर्जरी’ से पहले चिकित्सक ने उनसे कहा कि इसमें करीब 40 हजार रुपये का खर्च आएगा क्योंकि इसके लिए कुछ सामान लाने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया कि उनकी बेटी की ‘सर्जरी’ जिस दिन होनी थी उस दिन सुबह शिकायकर्ता को एक ‘‘आपूर्तिकर्ता’’ से मिलवाया गया।

चौबे ने आरोप लगाया कि उन्होंने उस ‘‘आपूर्तिकर्ता’’ को 36 हजार रुपये नगद दिए और जब उन्होंने रसीद मांगी थी तो उसने कहा कि अगर उन्हें रसीद चाहिए तो उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अदा करना होगा। इसलिए उन्होंने फिर रसीद नहीं मांगी। शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने अपनी बड़ी बेटी की शादी के लिए जोड़े पैसों को उस व्यक्ति को दिया।

समिति द्वारा शिकायत देरी से दर्ज कराए जाने की वजह पूछे जाने पर चौबे ने कहा कि वह अपनी बेटी के इलाज में पूरी तरह व्यस्त थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में उसकी बेटी अपनी एक दोस्त को बता रही थी कि उसने ‘सर्जरी’ के लिए 36 हजार रुपये दिए हैं, तभी ओपीडी के एक कर्मचारी ने उसकी बात सुन ली और शिकायत करने का सुझाव दिया।

इसके बाद चौबे ने जून में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वह बेटी के इलाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं और उसका इलाज करने वाले चिकित्सक के आभारी हैं। समिति ने कहा, ‘‘ प्राथमिक जांच के तहत समिति को लगता है कि लाल सिंह चौबे की ओर से दायर शिकायत विचारणीय है और ‘सर्जरी’ के लिए पैसे दिए जाने की बात को भी खारिज नहीं किया जा सकता।’’

समिति ने कहा, ‘‘ दो अलग-अलग तीमारदारों की गवाही, शिकायतकर्ता और एक अन्य रोगी ने जो बात कहीं वे एक-दूसरी से काफी मिलती-जुलती हैं और शिकायत को बल देती हैं। लाल सिंह चौबे की शिकायत में दम है और यह किसी भी गलत भावना से प्रेरित नहीं है।’’

रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने इस चिकित्सक से इलाज कराने वाले दो अन्य मरीजों से भी बात की और उनसे एक ने कुछ सामान के लिए 34 हजार रुपये देने की बात स्वीकार की। जिस व्यक्ति को पैसे दिए गए उससे चिकित्सक ने अपने कक्ष में ही मिलवाया था। एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स प्रशासन से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है।

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