अन्नाद्रमुक का स्वर्ण जयंती समारोह शुरू, शशिकला पार्टी में वापसी के लिए प्रयासरत

By भाषा | Updated: October 17, 2021 20:03 IST2021-10-17T20:03:51+5:302021-10-17T20:03:51+5:30

AIADMK's Golden Jubilee Celebrations Begin, Sasikala Trying To Return To The Party | अन्नाद्रमुक का स्वर्ण जयंती समारोह शुरू, शशिकला पार्टी में वापसी के लिए प्रयासरत

अन्नाद्रमुक का स्वर्ण जयंती समारोह शुरू, शशिकला पार्टी में वापसी के लिए प्रयासरत

चेन्नई, 17 अक्टूबर अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की स्थापना का साल भर चलने वाला स्वर्ण जयंती समारोह रविवार को शुरू हुआ। पार्टी की पूर्व प्रमुख दिवंगत जे. जयललिता की विश्वासपात्र रही वी. के. शशिकला ‘एकजुटता’ का मंत्र देकर पार्टी में वापसी के लिए प्रयास में लगी हैं।

अन्नाद्रमुक ने शशिकला के ‘पार्टी और जनता’ की खातिर पार्टी में शामिल होने के प्रयासों को हालांकि खारिज कर दिया। अन्नाद्रमुक ने दोहराया कि पार्टी में उनके लिए कोई जगह नहीं है।

उन्होंने यहां पार्टी संस्थापक और दिवंगत मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन के टी नगर स्मारक पर अन्नाद्रमुक का झंडा फहराया और इस अवसर पर अनावरण की गई एक पट्टिका में उन्हें पार्टी के ‘महासचिव’ के रूप में संबोधित किया गया, जिसका मुख्य विपक्षी दल ने कड़ा विरोध किया।

यहां एमजीआर के रामपुरम गार्डन स्थित आवास पर समर्थकों को संबोधित करते हुए शशिकला ने कहा कि अगर पार्टी स्वर्ण जयंती वर्ष में सत्ता में होती, तो एमजीआर और 'अम्मा' दोनों के सम्मान में यह गर्व का क्षण होता। उन्होंने कहा कि 2017 में जेल की सजा शुरू होने से पहले, उन्होंने सुनिश्चित किया कि तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक सत्ता में रहे।

इस साल अप्रैल में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति से दूर रहने की अपनी घोषणा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि वह चाहती थीं कि पार्टी किसी भी तरह से प्रभावित न हो। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है। समय की जरूरत एकजुटता है।’’

शशिकला ने कहा कि अगर जनता, पार्टी और कार्यकर्ताओं के कल्याण पर ध्यान नहीं दिया गया, तो ‘‘हमें बाहर कर दिया जाएगा, चाहे कोई भी शीर्ष पद पर हो और हम सभी को इस सच्चाई का एहसास होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी, लोगों और कार्यकर्ताओं के लिए, यह एक साथ खड़े होने का समय है।’’

उन्होंने कहा कि एमजीआर और जयललिता के समर्थकों को लोगों के समर्थन से तमिलनाडु में फिर से अन्नाद्रमुक सरकार बनाने के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें साथ आना चाहिए और पार्टी को जीतना है, अन्नाद्रमुक को जिंदा रखना है, तमिलनाडु को आगे बढ़ाना है।’’

शशिकला के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता डी. जयकुमार ने कहा कि उन्हें पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी अन्नाद्रमुक को नहीं छू सकता।’’

जयकुमार ने शशिकला पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके समर्थक उन्हें ‘क्रांतिकारी मां’ कहते हैं और वह जानना चाहते हैं कि उन्होंने किस तरह की क्रांति की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता हो या लोग, कोई भी उन्हें अन्नाद्रमुक में वापस स्वीकार नहीं करेगा।

शशिकला के नेतृत्व वाले खेमे को ‘‘लुटेरा’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए कोई बलिदान नहीं दिया और अन्नाद्रमुक और लोग उन्हें या उनके रिश्तेदारों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी उनके खिलाफ एकजुट है और उन्हें सालों पहले अन्नाद्रमुक से बाहर कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि इसके बाद, पार्टी एक नए संगठनात्मक ढांचे के साथ आई, जिसमें समन्वयक (ओ पनीरसेल्वम) और सह-समन्वयक (के. पलानीस्वामी) के शीर्ष पद शामिल थे और निर्णय लिया कि किसी को भी महासचिव के पद पर पदोन्नत नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अम्मा हमारी स्थायी महासचिव हैं। हालांकि वह जीवित नहीं है, वह हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि वह पार्टी के स्वर्ण जयंती समारोह को बर्दाश्त नहीं कर सकीं और 1996 में अन्नाद्रमुक को उनके खेमे की वजह से हार का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने आश्चर्य जताया, ‘‘केवल एक पट्टिका में अपना नाम अंकित करके वह कैसे महासचिव बन सकती है?’’ उन्होंने कहा कि पार्टी कानूनी कार्रवाई करने पर विचार करेगी।

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