वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा: ईडी का दावा - बिचौलिये मिशेल और बाकी आरोपियों में बंटी 225 करोड़ की रिश्वत
By भाषा | Published: April 5, 2019 04:52 AM2019-04-05T04:52:25+5:302019-04-05T04:52:25+5:30
जांच एजेंसी ने 3,000 पृष्ठों के अपने पूरक आरोपपत्र में मिशेल के कथित कारोबारी साझेदार डेविड सिम्स और उनके मालिकाना हक वाली दो कंपनियों - ग्लोबल सर्विसेज एफ जेड ई और ग्लोबल ट्रेडर्स - को भी नामजद किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में गिरफ्तार कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल और अन्य आरोपियों को सौदे में रिश्वत के तौर पर 4. 2 करोड़ यूरो मिले थे।
जांच एजेंसी ने 3,000 पृष्ठों के अपने पूरक आरोपपत्र में मिशेल के कथित कारोबारी साझेदार डेविड सिम्स और उनके मालिकाना हक वाली दो कंपनियों - ग्लोबल सर्विसेज एफ जेड ई और ग्लोबल ट्रेडर्स - को भी नामजद किया है। ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दाखिल मूल आरोप पत्र में कहा था कि उसे और अन्य को अगस्ता वेस्टलैंड से लगभग 225 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।
विशेष न्यायाधीश अरविन्द कुमार ने कहा कि ईडी के पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं और आरोपी को तलब करने के विषय पर वह छह अप्रैल को फैसला करेंगे। ईडी के विशेष सरकारी वकील डीपी सिंह और एन के मट्टा ने अदालत से कहा कि ब्रिटिश नागरिक सिम्स और मिशेल ने अपनी कंपनियों के जरिए धन पाया।
ईडी ने कहा कि कंपनियों को 12 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए धन मिला था लेकिन एक भी हेलीकॉप्टर नहीं खरीदा गया। वेस्टलैंड ग्रुप ने इन दो कंपनियों को इस रकम का भुगतान किया था। दुबई से प्रत्यर्पित किये जाने के बाद पिछले वर्ष 22 दिसम्बर को ईडी ने मिशेल को गिरफ्तार किया था। ईडी और सीबीआई वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले की जांच कर रही है।
मिशेल इस मामले में तीन कथित बिचौलियों में से एक है। अन्य बिचौलिये गुइडो हाश्के और कार्लो गेरोसा हैं। वहीं, सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए आठ फरवरी, 2010 को हस्ताक्षर किए गए सौदे से सरकारी खजाने को करीब 2,666 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ।