‘अग्निपथ’ योजना: लगातार चौथे दिन भी जारी रही हिंसा, बिहार में 250 तो अलीगढ़ में 35 हुए गिरफ्तार, बिहार प्रशासनिक सेवा का अधिकारी भी हुआ अरेस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 19, 2022 08:42 AM2022-06-19T08:42:54+5:302022-06-19T08:52:29+5:30
मामले में पुलिस का कहना है कि मुद्दे को तूल देने के आरोप में कुछ कोचिंग संस्था पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जांच हो रही है और जैसे ही आरोप साबित हुए तो उन सस्ंथा के खिलाफ कार्रवाई होगी।
Agneepath Protest: सशस्त्र बलों में भर्ती की शुरू की गई नई ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ शनिवार को लगातार चौथे दिन भी बिहार में हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी रहे। राज्य में शनिवार को इस योजना के खिलाफ एक दिन के लिए ‘बिहार बंद’ की भी घोषणा कई संगठनों ने की थी और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक रेलवे स्टेशन और एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया और पथराव की घटनाओं में कई कर्मी घायल हो गए।
बिहार बन्द के दौरान 250 अराजक तत्व हुए गिरफ्तारी
पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ‘बिहार बंद’ के दौरान रेलवे, सरकारी सम्पत्ति को विनष्ट करने तथा तोड़-फोड़ के विरुद्ध पूरे राज्य में कुल 25 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं तथा 250 अराजक तत्वों की गिरफ्तारी की गई है।
पुलिस के मुताबिक 16 जून से 18 जून तीन दिनों में कुल 138 प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 718 अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है। सीसीटीवी फुटेज तथा वीडियोग्राफी के जरिये अराजक तत्वों तथा हिंसा करने वालों की पहचान की जा रही है।
पहचान के बाद हिंसा करने वालों पर होगी कार्रवाई-पुलिस
पुलिस ने कहा कि जांच के क्रम में हिंसा करने वालों की पहचान होने पर उनके विरुद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी। बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा आम जनता तथा सभी छात्रों से शान्ति बनाए रखने, प्रशसन का सहयोग करने, किसी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान नहीं देने तथा किसी के बहकावे में नहीं आने की अपील की गयी है।
व्हाट्सएप ग्रुप में विवादित पोस्ट डालने पर अधिकारी पर कार्रवाई
बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आलोक कुमार को सोशल मीडिया पर ‘‘विवादित पोस्ट’’ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) संजय सिंह ने शनिवार को बताया कि आलोक कुमार राज्य निर्वाचन विभाग में उपसचिव के पद पर कार्यरत हैं।
उन्होंने बताया कि उक्त अधिकारी ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप में एक ‘विवादित पोस्ट’ डाला था, जिसपर आर्थिक अपराध इकाई ने कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके घर से गिरफ्तार कर लिया है।
संजय ने बताया कि गिरफ्तार किए जाने के बाद आरोपी अधिकारी को पटना स्थित सचिवालय थाना लाया गया है। उन्होंने बताया कि कुमार के खिलाफ मामला दर्ज आगे की कार्रवाई की जा रही है।
कुछ कोचिंग संस्थानों पर भी हो सकती है कार्रवाई
पटना जिले के मसौढी अनुमंडल में तारेगाना रेलवे स्टेशन पर आगजनी करने वालों ने पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक चार पहिया वाहन को भी आग के हवाले कर दिया। उन्होंने कर्मियों पर पथराव भी किया और उनपर गोलियां भी चलायीं। जिला प्रशासन द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भीड़ को भड़काने में संदिग्ध संलिप्तता के लिए मसौढी में कुछ कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पटना, दानापुर और पालीगंज शहर में स्थित कई कोचिंग संस्थानों के बारे में ऐसी ही रिपोर्ट मिली है जिनमें से सभी पर जांच के बाद कार्रवाई किए जाने की संभावना है। पटना के दानापुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा एक एम्बुलेंस पर हमला किया गया। एंबुलेंस चालक ने आरोप लगाया कि गाडी के भीतर मौजूद मरीज और परिचारकों को भी पीटा गया है।
पटना में 3 प्रमुख राजनेता हुए हिरासत
बिहार की राजधानी पटना में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए और कम से कम तीन प्रमुख राजनेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जमुई के सांसद चिराग पासवान अपने चेहरे पर एक काला गमछा लपेटकर प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए राजभवन तक मार्च निकाल रहे थे। इसी क्रम में हडताली चौक के पास पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। पासवान को पुलिस ने इसके उपरांत एक छोटे से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए राजभवन जाने दिया गया।
चिराग पासवान ने क्या कहा
चिराग पासवान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए नई योजना के सबसे विवादास्पद प्रावधान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमने इस बात को रेखांकित करने की कोशिश की है कि पेंशन खर्च को कम करने के लिए सशस्त्र बलों को प्रयोगशाला नहीं माना जा सकता है।’’
उन्होंने अग्निपथ को तत्काल वापस लेने और सभी राजनीतिक दलों के परामर्श से एक नई नीति तैयार करने की मांग की। कुछ दूरी पर भाकपा माले विधायक और आइसा के राष्ट्रीय महासचिव संदीप सौरव को कारगिल चौक पर एक उत्साही भाषण देने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
संदीप सौरव और पप्पू यादव ने क्या बयान दिया
सौरव ने कहा, ‘‘हमें दो चीजें सुनिश्चित करनी चाहिए। सबसे पहले इस आंदोलन को हिंसा के प्रचंड कृत्यों में बदलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। दूसरा हमें आंदोलन की गति को बनाए रखना चाहिए और इसमें ढिलाई नहीं की जानी चाहिए। इन दो विशेषताओं ने किसानों के विरोध को चिह्नित किया और सरकार को विवादास्पद कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर किया गया।’’
पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को डाक बंगला चौराहे पर हिरासत में ले लिया गया जहां उनकी जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़क यातायात अवरुद्ध कर दिया था और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए उनके अनुरोध के बावजूद पास के खरीदारी प्रतिष्ठानों पर कुछ पत्थर फेंके गए थे।
उन्होंने कहा कि सभी प्रदर्शनकारियों को मेरा सुझाव है कि हिंसा को छोड़ दें और सभी भाजपा नेताओं को उनके घरों के अंदर बंद कर दें। यह केंद्र में सरकार को जल्द ही अपने घुटनों पर ला देगा।
जहानाबाद में भी हालात तनावपूर्ण रहे
जहानाबाद जैसे जिलों से भी छिटपुट घटनाएं हुई हैं जहां एक पुलिस दल पर हमला किया गया था और गया जहां एक ट्रेन के डिब्बे में आग लगा दी गई। पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) ने कहा कि ट्रेन में सवार कोई भी यात्री घायल नहीं हुआ और प्रभावित डिब्बे को जल्दी से अलग कर दिया गया।
189 ट्रेनें हुई रद्द- ईसीआर
ईसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार के अनुसार दिन में 189 ट्रेनों को रद्द किया गया जबकि छह ट्रेनें निर्धारित गंतव्य से पहले ही रोक दी गईं। वीरेंद्र ने कहा कि यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रविवार को एहतियातन तड़के 04.00 बजे से शाम 20.00 बजे के बीच ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगाई जाएगी।
अलीगढ़ में हालात थे खराब
उत्तर प्रदेश पुलिस ने केंद्र द्वारा सेना में भर्ती की घोषित नयी ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने के आरोप में अलीगढ़ से अबतक 80 लोगों को हिरासत में लिया है। अधिकरियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
शुक्रवार को हुई हिंसा के लिए 35 लोग गिरफ्तार
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने बताया कि शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद अबतक 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से नौ कोचिंग संचालक है जिन्हें हिंसा में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया है।
नैथानी ने बताया, ‘‘जिले में हुई हिंसा के सिलसिले में भारतीय दंड संहिता की धाराओं में चार प्राथमिकी दर्ज की गई है।इनमें से दो प्राथमिकी पुलिसकर्मियों की शिकायत पर, एक उत्तर प्रदेश रोडवेज की शिकायत पर जबकि एक अन्य मामला आम नागरिक की शिकायत पर दर्ज किया गया है।’’
अब तक 80 लोग हुए है गिरफ्तार
मामले में उन्होंने कहा, ‘‘शुक्रवार से शुरू हुई हिंसा में संलिप्त लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।अबतक करीब 80 लोगों को हिरासत में लिया गया है।’’
एसएसपी ने बताया कि पुलिस सोशल मीडिया पर करीब से नजर रख रही है और युवाओं के प्रदर्शन में नौ कोचिंग संचालकों की भूमिका सामने आई है। नैथानी ने दावा किया, ‘‘कोचिंग संचालकों ने असामाजिक तत्वों को सेना में भर्ती के अकांक्षी उम्मीदवारों के प्रदर्शन के बीच ऐसी घटनाओं (हिंसा) करने के लिए उकसाया।’’
पूछताछ और सबूतों के आधार पर कार्रवाई होगी
उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में मौजूद अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है और मामले में सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नैथानी ने बताया कि शुक्रवार की घटना की वजह से प्रभावित कानून व्यवस्था शनिवार को नियंत्रण में रही और तनावपूर्ण माहौल के चलते पुलिस ने फ्लैग मार्च किया।