हिंसक झड़प के बाद एक बार फिर 'LAC' के पूर्वी क्षेत्र में लोहे की छड़ के साथ दिखे चीनी सेना, ड्रैगन लगातार तोड़ रहा है प्रोटोकॉल
By अनुराग आनंद | Published: June 26, 2020 02:27 PM2020-06-26T14:27:12+5:302020-06-26T14:27:12+5:30
भारत और चीन पर जारी तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने चीन को चेतावनी दी है कि यदि बॉर्डर पर हालात सही नहीं हुए तो दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं।
नई दिल्ली: भारत और चीन की सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच लगातार तनाव जारी है। तनाव कम करने के लिए दोनों ही देशों के बीच सैन्य व डिप्लोमेटिक बातचीत का दौर भी चल रहा है, इन सबके बीच दोनों देशों की सेना एक दूसरे के सामने डटी हुई है।
इसी बाच खबर आ रही है कि गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प के बाद एक बार फिर 'LAC' के पूर्वी क्षेत्र में लोहे की छड़ के साथ चीनी सेना पेट्रोलिंग करते हुए दिखे। टाइम्स नाऊ के मुताबिक, चीन की सेना अपने बैकपैक में रॉड लेकर पेट्रोलिंग कर रहे हैं। ऐसे में साफ है कि दोनों देशों की सेना यदि पेट्रोलिंग के दौरान आमने-सामने आती है, तो फिर से हिंसक झड़प होने की संभावना हो जाती है।
रिपोर्ट की मानें तो चीन की सेना अरूणाचल प्रदेश के कामंग सेक्टर में सीमा पर लगातार प्रोटोकॉल को तोड़ रही है। अरूणाचल प्रदेश के कामंग सेक्टर में पिछले दिनों जब दोनों देशों की सेना एक दूसरे के सामने थी, तो चीनी सैनिक रॉड आदि से लैश थे। ऐसे में हालात जरा भी बिगड़ने की स्थिति में खूनी झड़प होने की संभावना बढ़ जाती है।
LAC पर हजारों की तादाद में चीनी फौजियों का जमावड़ा
इससे पहले मिलने वाली खबरों के मुताबिक चीन सीमा पर तनातनी का आलम यह है कि लाल सेना एलएसी पर करीब 6 विवादित स्थानों पर हजारों की तादाद में फौजियों का जमावड़ा कर चुकी है और वह इन इलाकों में तोपखानों के साथ ही टैंकों को भी तैनाती कर चुकी है। इन सबके पीछे का मकसद भारतीय सेना की पैट्रोलिंग को बाधित करते हुए कराकोरम दर्रे तक जाने वाली सड़क को काटना है ताकि भारतीय सेना उस इलाके में मिलने वाली सियाचिन लाइन तक न पहुंच सके।
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना 6 इलाके में भीतर तक घुस आई है। भारतीय पक्ष इसे जमीन पर बार्डर रेखा के रेखांकित न होने की स्थिति में भ्रम करार दे रहा हे। जबकि हालत यह है कि लाल सेना सैनिक साजो समान और हजारों की संख्या में आ डटी है।
जानें भारत चीन-सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने और क्या-क्या अहम बातें कही-
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, भारत चाहता है कि चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की त्वरित बहाली सुनिश्चित करने के लिए सैनिक हटाने पर दोनों पक्षों के बीच बनी समझ का ईमानदारी से पालन किया जाए।
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, हमने चीन की कार्रवाई को लेकर कूटनीतिक और सैन्य दोनों माध्यमों से अपना विरोध दर्ज कराया था और यह स्पष्ट कर दिया था कि इस तरह का कोई भी बदलाव हमें अस्वीकार्य है।
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, छह जून को वरिष्ठ कमांडरों की बैठक हुई और तनाव कम करने तथा एलएसी से पीछे हटने पर सहमति बनी जिसमें ‘‘पारस्परिक कदम’’ उठाने की बात शामिल थी। दोनों पक्ष एलएसी का सम्मान और नियमों का पालन करने तथा यथास्थिति को बदलने वाली कोई कार्रवाई न करने पर सहमत हुए थे।
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, चीनी पक्ष एलएसी के संबंध में बनी इस समझ से गलवान घाटी में पीछे हट गया और उसने एलएसी के बिलकुल पास ढांचे खड़े करने की कोशिश की। जब यह कोशिश विफल कर दी गई तो चीनी सैनिकों ने 15 जून को हिंसक कार्रवाई की जिसका परिणाम सैनिकों के हताहत होने के रूप में निकला।
-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, भारतीय सैनिक भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में एलएसी के संरेखण से भली-भांति परिचित हैं और पूरी ईमानदारी से इसका पालन करते हैं। वे (भारतीय सैनिक) गलवान घाटी सहित एलएसी पर लंबे समय से गश्त कर रहे हैं। भारत द्वारा बनाए गए सभी ढांचे एलएसी के भारतीय क्षेत्र में रहे हैं।
-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, भारतीय पक्ष ने कभी एलएसी के पार कोई कार्रवाई नहीं की और यथास्थिति को कभी भी एकतरफा से ढंग से बदलने की कोशिश नहीं की।