मुफ्ती समेत सभी नेताओं की रिहाई के बाद जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक एजेंडे पर चर्चा करेंगे : अब्दुल्ला

By भाषा | Published: August 21, 2020 12:30 AM2020-08-21T00:30:12+5:302020-08-21T05:32:59+5:30

After the release of all the leaders including Mufti, we will discuss the political agenda of Jammu and Kashmir: Abdullah | मुफ्ती समेत सभी नेताओं की रिहाई के बाद जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक एजेंडे पर चर्चा करेंगे : अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत केंद्र शासित प्रदेश के सभी नेताओं की रिहाई चाहते हैं।

Highlightsफारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को उनके आवास पर बैठक बुलाई नेका अध्यक्ष ने कहा कि वह आने वाले दिनों में अन्य दलों के नेताओं की भी इस तरह की बैठक बुलाएंगे।

श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत सभी नेताओं की रिहाई होने के बाद ही पार्टी जम्मू-कश्मीर से संबंधित राजनीतिक एजेंडे को लेकर चर्चा एवं समीक्षा करेगी।

उन्होंने कहा, '' आज की बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि चारों नेता आजाद थे। सभी नेताओं के रिहा होने के बाद ही हम राजनीतिक एजेंडे पर चर्चा एवं समीक्षा करेंगे।'' अब्दुल्ला बृहस्पतिवार को उनके आवास पर बुलाई गई बैठक में चार वरिष्ठ नेताओं के हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। इस बैठक में नेकां के महासचिव अली मोहम्मद सागर और पूर्व मंत्री मोहम्मद शफी उरी, अब्दुल रहीम राथर और नासिर असलम वानी ने हिस्सा लिया। नेका अध्यक्ष ने कहा कि वह आने वाले दिनों में अन्य दलों के नेताओं की भी इस तरह की बैठक बुलाएंगे।

उन्होंने कहा कि वह पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत केंद्र शासित प्रदेश के सभी नेताओं की रिहाई चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही उच्च न्यायालय में पार्टी के उस दावे को खारिज कर दिया था कि इसके कई नेता अब भी गैर-कानूनी तरीके से अपने घरों में ही नजरबंद हैं। इसके मद्दनेजर ही यह बैठक बुलाई गई थी।

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय को स्थानीय प्रशासन द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के 16 नेताओं में से कोई भी हिरासत में नहीं है, पार्टी ने बुधवार को वरिष्ठ नेताओं की आज की यह बैठक बुलाने का फैसला किया था। नेकां ने अदालत में दावा किया था कि उसके 16 नेताओं को गैर कानूनी तरीके से बंधक बनाया गया है।

नेकां ने बुधवार को जारी बयान में कहा था कि पार्टी के विभिन्न नेताओं को गैर कानूनी नजरबंदी से मुक्त कराने के लिए पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिसने सरकार के रुख पर संज्ञान लिया है। बयान में कहा, ‘‘ मामले में दाखिल जवाब के अध्ययन के दौरान पार्टी ने गौर किया कि सरकार ने उच्च न्यायालय में कहा कि कोई नेता हिरासत में नहीं है और जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ कहीं भी आने-जाने को स्वतंत्र है।’’

पार्टी ने कहा, ‘‘ उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत सरकार के रुख पर भरोसा करते हुए कि पार्टी के सदस्य कहीं भी आने जाने के लिए मुक्त हैं, नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने अली मोहम्मद सागर, अब्दुल रहीम राथर, मोहम्मद सफी उरी और नासिर असलम वानी सहित पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को 20 अगस्त 2020 को शाम पांच बजे अपने आवास पर आमंत्रित किया है।’’

नेकां ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि हिरासत में रखे गए पार्टी सदस्य वास्तव में आजाद हैं और निर्धारित दिन सफलापूर्वक बैठक होगी। गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने 13 जुलाई को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी और पार्टी के सदस्यों को रिहा कराने का अनुरोध किया था। इसके जवाब में पिछले महीने अतिरिक्त महाधिवक्ता बशीर अहमद डार ने कहा कि याचिका का मकसद न केवल आश्चर्यचकित करने वाला बल्कि स्तब्ध करने वाला भी है क्योंकि न तो कोई कानूनी कार्यवाही चल रही है न ही अपेक्षित है। इसी तरह का जवाब कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने भी अदालत में दाखिल किया था। 

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