ताजा टारगेट किलिंग के बाद चिंता का कारण बनी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा, अधिकारी बोले- जी20 की सफलता के बाद आतंकी खतरा बढ़ेगा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 30, 2023 04:45 PM2023-05-30T16:45:19+5:302023-05-30T16:45:33+5:30
दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में कल देर रात जम्मू संभाग के उधमपुर के थियाल गांव के रहने वाले दीपू की आतंकियों द्वारा की गई हत्या के बाद 30 जून से आरंभ हो रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा चिंता का कारण बन गई है।
जम्मू: दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में कल देर रात जम्मू संभाग के उधमपुर के थियाल गांव के रहने वाले दीपू की आतंकियों द्वारा की गई हत्या के बाद 30 जून से आरंभ हो रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा चिंता का कारण बन गई है। दरअसल अमरनाथ यात्रा दक्षिणी कश्मीर में ही आयोजित होती है और अब अधिकारी भी कहने लगे हैं कि जी-20 की सफलता के बाद आतंकी हताशा में हैं जिस कारण खतरे का स्तर बढ़ेगा।
करीब तीन महीनों के बाद कश्मीर में हिन्दुओं को निशाना बना कर किए गए हमले के उपरांत सुरक्षाधिकारियों की बैठक में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात किए जाने वाले जवानों की समीक्षा की गई है तथा केंद्र सरकार द्वारा भिजवाई जा रही 45 के करीब केंद्रीय बलों की कंपनियों को अब कम बताया जाने लगा है।
एक अधिकारी के बकौल, उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्रालय को अपनी चिंताओं से अवगत करवाते हुए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की मांग की गई है पर अभी तक 45 कंपनियां ही मिली हैं। वे कहते थे कि जी-20 की सफलता के बाद हाइब्रिड आतंकी अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं क्योंकि उन पर सीमा पार से जबरदस्त दबाव बनाया जा रहा है इसलिए अतिरिक्त जवानों की आवश्यकता है।
इतना जरूर था कि जी-20 की बैठक से निपटने के बाद अब प्रदेश प्रशासन का सारा ध्यान अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की ओर है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जी-20 की सफलता के बाद यह उम्मीद जताई है कि इस बार अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या एक नया रिकॉर्ड बना सकती है। जबकि अधिकारियों ने इसकी भी पुष्टि की है कि 15 जून तक सभी प्रबंध पूरा कर लेने का फरमान उन्हें मिला है।
हालांकि अधिकारियों का कहना था कि पिछले कुछ दिनों से अमरनाथ यात्रा मार्ग पर अभी भी हो रही बारिश और बर्फबारी के कारण बर्फ हटाने का काम 15 जून तक पूरा हो पाएगा इसके प्रति शंका है। यह बात अलग है कि बर्फ हटाने और दोनों सड़क मार्ग तैयार करने का जिम्मा इस बार सीमा सड़क संगठन को दिया गया है पर खराब मौसम अड़ंगा डाले हुए है।