पांच राज्यों में मिली चुनावी हार के बाद कांग्रेस में तेज हुई गुटबाजी, जी-23 ग्रुप ने माना, लोगों का विश्वास उठ गया है 'राहुल गांधी' से
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 11, 2022 03:42 PM2022-03-11T15:42:58+5:302022-03-11T16:05:59+5:30
कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने भीतरखाने इस बात को स्वीकार किया कि अब कांग्रेस का प्रथम परिवार (गांधी परिवार) एक नए नेतृत्व को मार्ग प्रशस्त करे या फिर पार्टी नेताओं के साथ मिलकर काम करे। इसके साथ ही नेताओं का मानना है कि पार्टी में एक नई जान तभी फूंकी जा सकती है, जब नेता पार्टी के काम के लिए 24 घंटे उपलब्ध हो।
दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस पार्टी में तनाव और गुटबाजी एक बार फिर से बढ़ गई है। कांग्रेस के कई प्रमुख नेता केंद्रीय नेतृत्व की कार्यशैली से बेहद नाराज बताये जा रहे हैं। खबरों की माने तो आने वाले दिनों में जी-23 नेताओं की बैठक होने वाली है और यह तय माना जा रहा है कि उस बैठक में हार के प्रश्न पर गरमा-गरम बहस हो सकती है
न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से बताया है कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने भीतरखाने इस बात को स्वीकार किया कि अब कांग्रेस का प्रथम परिवार (गांधी परिवार) एक नए नेतृत्व को मार्ग प्रशस्त करे या फिर पार्टी नेताओं के साथ मिलकर काम करे। इसके साथ ही नेताओं का मानना है कि पार्टी में एक नई जान तभी फूंकी जा सकती है, जब नेता पार्टी के काम के लिए 24 घंटे उपलब्ध हो।
नेताओं का कहना है कि पार्टी की मौजूदा केंद्रीय व्यवस्था ही खराब है और इसे तत्काल प्रभाव से बदलना होगा क्योंकि पार्टी किसी की जागीर नहीं है. इसमें सभी की समान हिस्सेदारी है। उनका सुझाव है कि सचिन पायलट या मनीष तिवारी जैसे नेताओं को पार्टी का प्रभार दिया जाना चाहिए।
खबरों की माने तों कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का जी-23 समूह चुनाव परिणामों पर चर्चा के लिए शनिवार या रविवार को एक बैठक बुला सकता है क्योंकि कई नेता उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में पार्टी के प्रदर्शन से नाराज हैं।
जी-23 समूह को पार्टी में दरकिनार कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने कांग्रेस में सुधार और शीर्ष पद के लिए चुनाव का मुद्दा उठाया था।जी-23 के कुछ नेताओं ने राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि वे आगामी बैठक में रणनीति को औपचारिक रूप देंगे।
समूह ने स्वीकार किया कि लोगों का राहुल गांधी पर से विश्वास उठ गया है और उनकी टीम ने उन्हें विफल कर दिया है। इसके अलावा प्रियंका गांधी की टीम भी कोई अच्छा प्रदर्शन करने में स्पष्ट तौर पर विफल रही है। इस बीच कांग्रेस नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वे चुनावी नुकसान का विश्लेषण करेंगे।
सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी की यह पहली हार नहीं है। इससे पहले भी पार्टी केरल और असम में महत्वपूर्ण चुनाव हार चुकी है जहां पार्टी जीत सकती थी। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम सभी जो कांग्रेस में विश्वास करते हैं, हाल के विधानसभा चुनावों के परिणामों से आहत हैं।
उन्होंने कहा कि यह भारत के उस विचार की पुष्टि करने का समय है जिसके लिए कांग्रेस खड़ी है और वह सकारात्मक एजेंडा देश को पेश करती है। यदि हमें सफल होने की आवश्यकता है तो परिवर्तन अपरिहार्य है।
मालूम हो कि कांग्रेस के वरिषठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा के नतीजे आने के बाद गुरुवार को कहा कि उन्होंने लोगों के फैसले को स्वीकार कर लिया है और जीतने वाली पार्टियों को बधाई दी।