NRC-NPR के बाद अब बिहार विधानसभा में पारित हुआ जातीय आधार पर जनगणना का प्रस्ताव, बीजेपी भड़की, RJD और कांग्रेस ने किया स्वागत
By एस पी सिन्हा | Published: February 28, 2020 01:41 AM2020-02-28T01:41:58+5:302020-02-28T01:41:58+5:30
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में एक संकल्प पारित कराने के लिए मंगलवार को सदन में प्रस्ताव दिया था.
बिहार में 2021 की जनगणना जातिगत आधार पर होगी. आज बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारति हो गया. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने दोपहर के भोजन अवकाश से पहले के सत्र में इसकी घोषणा की. विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में एक संकल्प पारित कराने के लिए मंगलवार को सदन में प्रस्ताव दिया था. इस मांग के तहत बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की बात हुई.
ऐसे में एक के बाद एक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार के इस फैसले पर जहां विपक्ष गदगद है वही सहयोगी भाजपा भड़क गई है. बता दें कि जातीय आधार पर जनगणना कराने की मांग राजद लगातार उठाते रही है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव जातीय आधार पर जनगणना को लेकर कई बार सवाल उठा चुके हैं. वहीं, नीतीश कुमार भी कई मंचों से यह बात कह चुके हैं कि जातीय आधारित जनगणना की जरूरत महसूस हो रही है.
इसके अलावे बिहार की तमाम विपक्षी पार्टी के एजेंडा में जातीय आधारित जनगणना की बात है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार में सभी दल के मुद्दा को छीन लिया है. ऐसे में जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव बिहार विधानसभा में पारित होने के बाद भाजपा में बिखराव दिखाई देने लगा है. बिहार भाजपा नेता व विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने भडकते हुए इसे समाज को तोडने वाला बताया है.
सच्चिदानंद राय ने नीतीश कुमार का बिना नाम लिए हुए इशारों में हमला करते हुए कहा की ऐसे फैसलों से समाज में बिखराव होता है. संख्या बल रहने का यह मतलब नहीं कुछ भी प्रस्ताव पारित कराया जाए. सच्चिदानंद राय जाति जनगणना के प्रस्ताव पर यही नहीं रुके उन्होंने भटकते हुए कहा कि आज सदन में जिसकी लाठी उसकी भैंस की स्थिति है. वहीं दूसरी तरफ भाजपा के ही विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने उसका स्वागत करते हुए कहा कि जातीय जनगणना अगर होती है, इसमें कोई हर्ज नहीं सच्चाई सबके सामने आ जायेगी.
इसतरह से जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव बिहार विधानसभा में पारित होने पर जहां भाजपा भडकी हुई है, वहीं राजद और कांग्रेस में इसका स्वागत किया है. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि विपक्ष हमेशा से यह मांग उठाता रहा है कि देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए ताकि हकीकत सामने आ सके. जातीय संख्या को लेकर हर दिलों का अपना-अपना दावा रहा है. जातीय जनगणना हो जाने पर सारी दुविधा खत्म हो जाएगी कांग्रेस के साथ राजद ने भी इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. राजद नेता व विधान पार्षद सुबोध राय ने कहा की राजद की वर्षों पुरानी मांग रही है कि देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए और जिसकी जितनी संख्या हो उसे इतना हक मिलना चाहिए.
इससे पहले बिहार विधानसभा में आज जमकर हंगामा हुआ. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में लालटेन युग समाप्त हो गया, अब बिजली आ गई है. इतना सुनते ही राजद सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. मंत्री ने कहा कि एक पिछडा समाज का नेता प्रेम कुमार मंत्री बना है तो राजद को सुहा नहीं रहा. सदन में भारी शोर शराबे के कारण कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
वहीं, एनआरसी और एनपीआर विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित होने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि वो नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भी संकल्प प्रस्ताव पास कराएं. ऐसा नहीं होने तक हमारी लडाई जारी रहेगी.
तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि "एनआरसी और एनपीआर पर विधानसभा में सर्वसम्मति से हमारा प्रस्ताव पारित होने के बाद हम राज्य सरकार से पूरजोर मांग करते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने एवं मानवता विरोधी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भी इसी सत्र में संकल्प प्रस्ताव पास किया जाए अन्यथा हमारी लडाई जारी रहेगी."