मनीष सिसोदिया की जमानत खारिज होने के बाद गौतम गंभीर बोले, 'वह इसी के हकदार हैं'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 6, 2023 09:47 AM2023-06-06T09:47:56+5:302023-06-06T09:52:47+5:30
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने पर तंज कसा और कहा कि वो इसी के हकदार हैं।

मनीष सिसोदिया की जमानत खारिज होने के बाद गौतम गंभीर बोले, 'वह इसी के हकदार हैं'
दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत खारिज होने पर भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने सोमवार को तंज कसा और कहा कि वो इसी के हकदार हैं। क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर ने इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया कि मनीष सिसोदिया ने रद्द हो चुकी दिल्ली की आबकारी नीति के जरिए केवल और केवल 'पैसे की उगाही' की है।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए गंभीर ने कहा, "मैं हमेशा कहता रहा हूं कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में उन्होंने जो किया है, वह ओपन एंड शट केस है। उन्होंने केवल कोविड -19 के दौरान उस एक्साइज पॉलिसी से पैसों की उगाही की।" भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने कहा, "यदि उन्होंने भ्रष्टाचार किया है तो उसी स्थान पर हैं, जहां उन्हें होना चाहिए। मुझे लगता है कि मनीष सिसोदिया के साथ जो हो रहा है, वह इसके हकदार हैं।"
इससे पहले सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया को अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि वह 'बेहद गंभीर' आरोपों का सामना कर रहे हैं और इसमें उनके द्वारा 'गवाहों को प्रभावित' करने की संभावना है। वहीं मनी, सिसोदिया ने कोर्ट से अपनी बीमार पत्नी का हवाला देते हुए उनकी देखभाल के लिए जमानत मांगी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने हालांकि उनकी याचिका पर रहमपूर्वक विचार करते हुए उन्हें पत्नी से एक दिन में आवास या अस्पताल में सुविधानुसार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच मिलने की अनुमति दी, लेकिन साथ ही यह शर्त भी रखी कि वो इस दौरान मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे।
जस्टिस शर्मा ने कहा, "अदालत को याचिकाकर्ता को 6 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करना बेहद मुश्किल लगता है। हालांकि अदालत को लगता है कि याचिकाकर्ता को अपनी पत्नी को देखने और मिलने का अवसर मिलना चाहिए। इसलिए श्रीमती सीमा सिसोदिया की सुविधा के अनुसार एक दिन के लिए याचिकाकर्ता को उसके आवास/अस्पताल ले जाया जाए।"
मालूम हो कि सिसोदिया को आबकारी नीति की जांच के सिलसिले में 26 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद उन्हें 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किया गया था और इस वक्त वो न्यायिक हिरासत में है।
मनीष सिसोदिया जिस आबकारी नीति विवाद में फंसे उसे दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को लागू किया था, लेकिन जब सरकार की नीति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो केजरीवाल सरकार ने सितंबर 2022 के अंत में इसे समाप्त कर दिया।