आखिरकार 47 साल बाद EU से बाहर हुआ ब्रिटेन, ब्रेक्जिट के बाद भारत पर क्या होगा असर?

By स्वाति सिंह | Published: February 1, 2020 08:10 AM2020-02-01T08:10:21+5:302020-02-01T08:10:21+5:30

ब्रिटेन शुक्रवार से आधिकारिक रूप से यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर निकल गया। ब्रिटेन में परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों तथा भारतीय बाजार में विस्तार की इच्छुक ब्रिटिश कंपनियों के लिए यह निश्चित रूप से एक स्वागतयोग्य होगा।

After 47 years, Britain is out of the EU, what will be the effect on India after Brexit? | आखिरकार 47 साल बाद EU से बाहर हुआ ब्रिटेन, ब्रेक्जिट के बाद भारत पर क्या होगा असर?

ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग होने वाला पहला देश बन गया है और समूह के कई सदस्य इसे निराशाजनक दिन मान रहे हैं।

Highlightsब्रिटेन सरकार ने यूरोपीय संघ से खुद के अलग होने (ब्रेक्जिट) का ऐलान किया है।ब्रिटेन की कंपनियों के लिए यह भारत में एक स्वर्णिम अवसर होगा।

ब्रिटेन सरकार ने 31 जनवरी को यूरोपीय संघ से खुद के अलग होने (ब्रेक्जिट) का ऐलान किया है। देश में ब्रेक्जिट को लेकर जनमत संग्रह के करीब साढ़े तीन साल बाद ब्रिटेन अलग हो रहा है। वर्ष 1973 में वह यूरोपीय संघ में शामिल हुआ था। जनमत संग्रह में 48 के मुकाबले 52 प्रतिशत लोगों ने इस समूह से अलग होने को लेकर मतदान किया था। ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग होने वाला पहला देश बन गया है और समूह के कई सदस्य इसे निराशाजनक दिन मान रहे हैं।

भारत-ब्रिटेन के संबंध पर क्या पड़ेगा असर 

ब्रिटेन शुक्रवार से आधिकारिक रूप से यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर निकल गया। ब्रिटेन में परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों तथा भारतीय बाजार में विस्तार की इच्छुक ब्रिटिश कंपनियों के लिए यह निश्चित रूप से एक स्वागतयोग्य होगा। शनिवार से लेकर दिसंबर अंत तक ब्रेक्जिट के लिए आधिकारिक बदलाव की अवधि होगी। 

इसका मतलब है कि ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार और व्यापारिक परिचालन के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रहेगी, लेकिन ब्रिटेन को दुनियाभर में नए करार और भागीदारी के लिए पूरी स्वतंत्रता मिलेगी। कोबरा बीयर के संस्थापक एवं कनफेडरेशन आफ ब्रिटिश इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष लॉर्ड लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने कहा कि इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि ब्रिटेन के लिए भारत एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार होगा और ब्रिटेन यूरोपीय संघ के बाहर नया भविष्य चुन सकेगा। 

ब्रिटेन की कंपनियों के लिए यह भारत में एक स्वर्णिम अवसर होगा। लंदन मुख्यालय वाले कपारो समूह के प्रमुख लॉर्ड स्वराज पॉल ने कहा, ब्रेक्जिट वार्ता ठीक तरीके से आगे नहीं बढ़ पाई। आज हर कोई खुश है कि यह हो गया है। लॉर्ड पॉल ने कहा, ब्रिटेन ईयू की अपनी सदस्यता से कभी पूरी तरह खुश नहीं था। लेकिन मुझे नहीं लगता कि ब्रेक्जिट की वजह से ब्रिटेन के यूरोपीय संघ के साथ काम करने पर कोई फर्क पड़ेगा। 

यह संबंध बना रहेगा। जहां तक भारत के ब्रिटेन और यूरोपीय संघ से संबंधों का सवाल है, तो मुझे लगता है कि यह आगे और मजबूत होंगे।यह ब्रिटेन और भारत के संबंधों के लिए रोमांचक समय है। दोनों देशों के पास मुक्त व्यापार करार के लिए व्यापक संभावनाएं हैं।

Web Title: After 47 years, Britain is out of the EU, what will be the effect on India after Brexit?

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