बिहारः जज अविनाश कुमार का फैसला, जेल में बंद युवक को नाले की सफाई और देखभाल करने की शर्त पर दी जमानत
By एस पी सिन्हा | Published: September 2, 2021 07:57 PM2021-09-02T19:57:36+5:302021-09-02T19:58:15+5:30
बिहार में मधुबनी जिले के झंझारपुर स्थित अदालत के एडीजे अविनाश कुमार ने जेल में बंद एक युवक को नाले की सफाई और देखभाल करने की शर्त पर जमानत दी है.
पटनाः बिहार में अदालत के द्वारा एक अनोखी शर्त पर जमानत दिये जाने का मामला सामने आया है. मधुबनी जिले के झंझारपुर स्थित अदालत के एडीजे अविनाश कुमार ने जेल में बंद एक युवक को नाले की सफाई और देखभाल करने की शर्त पर जमानत दी है.
इससे पहले जज अविनाश कुमार ने एक शख्स को पांच गरीब परिवार की अनपढ़ महिलाओं और लड़कियों को पढ़ाने की शर्त पर जमानत दिया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार रुस्तम मो. अमजद के साथ मारपीट के एक मामले में जेल में बंद था. अमजद के पड़ोसी ने रुस्तम सहित पांच लोगों पर मारपीट का केस किया था.
रुस्तम पर आरोप था कि वादी की पुत्री की शादी के दिन आरोपित ने सहयोगी के साथ घर आए मेहमानों के सामने मारपीट की थी. इस मामले में रुस्तम 24 अप्रैल से जेल में बंद है. उसकी जमानत के लिए अर्जी दी गई थी. कोर्ट ने वार्ड-13 के में मदरसा चौक के रहने वाले मो. अमजद के घर के पास नाले की सफाई करने और देखभाल करने के लिए 10 हजार बंधपत्र के साथ जमानत देने का आदेश पारित किया.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीते 29 अगस्त को एडीजे अविनाश कुमार ने एक ऐसा ही फैसला सुनाया था, जिसकी काफी चर्चा हुई थी. अंधरामठ थाने में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के कोर्ट ने आरोपी नीरज कुमार साफी को सशर्त जमानत दे दी. उन्होंने कहा कि नीरज को गांव के पांच गरीब परिवार की अनपढ महिलाओं और लड़कियों को पढ़कर साक्षर बनाना होगा और उनके परिवार से प्रमाण-पत्र लेकर कोर्ट में जमा करना होगा.