खालिस्तानी समर्थकों पर भारत की कार्रवाई, कनाडाई सांसद जगमीत सिंह समेत कइयों के ट्विटर खाते किए गए ब्लॉक
By अनिल शर्मा | Published: March 21, 2023 10:03 AM2023-03-21T10:03:44+5:302023-03-21T10:29:09+5:30
कनाडाई कवि रूपी कौर, स्वैच्छिक संगठन यूनाइटेड सिख और कनाडा स्थित कार्यकर्ता गुरदीप सिंह सहोटा के ट्विटर अकाउंट को भी अवरुद्ध कर दिया गया है।

तस्वीरः ANI
नई दिल्लीः 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के बीच खलिस्तान समर्थक ट्विटर खातों पर भारत में रोक लगा दिया गया है जिसमे कनाडा के नए डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह का ट्विटर खाता भी शामिल है। जिन खालिस्तान समर्थक ट्विटर खातों को ब्लॉक किया गया है, उनमें कुछ कनाडाई सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। कनाडाई कवि रूपी कौर, स्वैच्छिक संगठन यूनाइटेड सिख और कनाडा स्थित कार्यकर्ता गुरदीप सिंह सहोटा के ट्विटर अकाउंट को भी अवरुद्ध कर दिया गया है।
गौरतलब है कि कनाडाई सांसद जगमीत सिंह के खाते को अवरुद्ध करना महत्वपूर्ण है क्योंकि वह अपनी भारत-विरोधी टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब खालिस्तानी तत्वों द्वारा विदेशों में भारतीय वाणिज्य दूतावासों और उच्चायोगों पर हमले और तोड़फोड़ किए गए।
More Pro Khalistan Twitter accounts blocked in India, these include some Canadian government officials. pic.twitter.com/2nUadAdAWx
— ANI (@ANI) March 20, 2023
Twitter account of Canadian politician Jagmeet Singh "withheld" in India; He is known for his anti India remarks pic.twitter.com/6YTDxBtpvx
— Sidhant Sibal (@sidhant) March 20, 2023
खालिस्तान समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ की, ऑस्ट्रेलिया में छिटपुट विरोध प्रदर्शन हुए। अधिकारियों ने कहा कि खालिस्तान समर्थक तत्वों के इन सभी कृत्यों का षड्यंत्र विभिन्न देशों में सक्रिय आईएसआई एजेंटों द्वारा रचा गया।
अधिकारियों ने कहा कि कट्टरपंथी उपदेशक एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को आगे बढ़ाने में आईएसआई का हाथ है। पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में भारत के मानद वाणिज्य दूतावास के पास खालिस्तान समर्थक अनधिकृत रूप से एकत्र हुए और उन्होंने कार्यालय में प्रवेश को अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण दूतावास को सुरक्षा कारणों से बुधवार को बंद करना पड़ा।