नोबेल पाने वाले 9वां भारतीय अभिजीत बनर्जी, भारतीय मूल के लोगों की सूची में शामिल

By भाषा | Published: October 14, 2019 07:11 PM2019-10-14T19:11:56+5:302019-10-14T19:11:56+5:30

बनर्जी को 2019 का यह पुरस्कार उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और अमेरिका के माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार ‘वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए किये गये कार्यों के लिये दिया गया।’ बनर्जी का जन्म मुंबई में हुआ है और वह अभी मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन अंतरराष्ट्रीय प्रोफेसर हैं।

Abhijeet Banerjee, 9th Indian Nobel recipient, included in the list of people of Indian origin | नोबेल पाने वाले 9वां भारतीय अभिजीत बनर्जी, भारतीय मूल के लोगों की सूची में शामिल

बनर्जी उन भारतीय और भारतीय मूल के लोगों में शामिल हो गए हैं जिन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में दिया गया है।

Highlightsबनर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई की।इसके बाद 1988 में उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की।

भारतीय अमेरिकी अभिजीत बनर्जी के नाम का चयन अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए किया गया है। इसके साथ ही बनर्जी उन भारतीय और भारतीय मूल के लोगों में शामिल हो गए हैं जिन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में दिया गया है।

बनर्जी को 2019 का यह पुरस्कार उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और अमेरिका के माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार ‘वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए किये गये कार्यों के लिये दिया गया।’ बनर्जी का जन्म मुंबई में हुआ है और वह अभी मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन अंतरराष्ट्रीय प्रोफेसर हैं।

बनर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई की। इसके बाद 1988 में उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। बनर्जी उन भारतीय और भारतीय मूल के लोगों में शामिल हो गए हैं जिन्हें भौतिकी, रसायन, शांति, अर्थशास्त्र और चिकित्सा जैसे विषयों में योगदान के लिए प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है।

सबसे पहले 1913 में साहित्य के लिए रबींद्रनाथ टैगोर को उनकी कालजयी रचना ‘गीतांजलि’ के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था। उनके नाम की घोषणा करते हुए अकेडमी ने कहा था कि उन्हें काव्यात्मक तरीके से गूढ़ संवेदनशील, ताजा और उत्कृष्ट सुंदर पद्य लिखने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।

सीवी रमण को 1930 में प्रकाश के प्रकीर्णन पर किए गए उनके महत्वपूर्ण काम के लिए दिया गया। इस प्रभाव का नाम भी उनके नाम के आधार पर ‘रमन प्रभाव’ रखा गया है। उन्हें ‘भारत रत्न’ सम्मान से सम्मानित किया गया है।

भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक हर गोविंद खुराना को दो अन्य लोगों के साथ चिकित्सा क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से 1968 में सम्मानित किया गया। उन्हें ‘कोशिका के आनुवंशिक कोड की संरचना और प्रोटीन के संश्लेषण में इसकी भूमिका’ की खोज करने के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

अल्बानियाई मूल की भारतीय नागरिक मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल के ‘शांति पुरस्कार’ से नवाजा गया था। ‘द मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की संस्थापक मदर टेरेसा को यह पुरस्कार ‘पीड़ित मानवता की सेवा करने के लिए’ दिया गया था। भारतीय अमेरिकी सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर को 1983 में विलियम ए फाउलर के साथ भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें यह पुरस्कार ‘तारों की संरचना और उसकी उत्पत्ति में भौतिकी प्रक्रियाओं’ के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया।

अमर्त्य सेन को ‘कल्याणकारी अर्थशास्त्र में उनके योगदान’ के लिए 1998 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया। भारतीय मूल के वेंकटरमण रामाकृष्णन को 2009 में दो अन्य वैज्ञानिकों के साथ ‘राइबोजोम की संरचना और उसके प्रक्रियात्मक पहलुओं’ के अध्ययन के लिए रसायनशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया।

पाकिस्तान की किशोरी मलाला यूसुफजई के साथ कैलाश सत्यार्थी को 2014 में नोबेल के शांति पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें यह पुरस्कार ‘बच्चों और किशोरों के दमन के खिलाफ संघर्ष और शिक्षा का अधिकार सभी बच्चों को दिलाने की दिशा में भूमिका’ के लिए मिला। नोबेल पुरस्कार 1901 में शुरू हुआ और 2018 तक यह 935 व्यक्तियों एवं संगठनों को दिया गया है। 

Web Title: Abhijeet Banerjee, 9th Indian Nobel recipient, included in the list of people of Indian origin

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