आम आदमी पार्टी ने शिवराज सिंह चौहन पर लगाए आरोप, कहा- मुख्य सचिव के साथ मिलकर हुआ इतना बड़ा घोटाला
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: October 4, 2018 08:05 PM2018-10-04T20:05:27+5:302018-10-04T20:05:27+5:30
आप पार्टी ने मांग की है कि घोटाले में शामिल कंपनियों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई कर दोषियों को जेल भेजा जाए। अगर यह नहीं हुआ तो आप सरकार के इस मुद्दे को लेकर अदालत जाएगी।
भोपाल, 4 अक्तूबर: आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह की मिली भगत के चलते करोड़ों का ई-टेंडरिंग घोटाला हुआ है।
अग्रवाल ने ये आरोप आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए लगाए। उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ों के ई टेंडर घोटाले में जो दस्तावेज है उनसे पता चलता है कि घोटाले में लिप्त कंपनियों को पकड़े जाने के बाद भी हजारों करोड़ के टेंडर दिए गए। इनमें कुछ टेंडर देने का फैसला स्वयं मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव द्वारा लिया गया। मुख्य सचिव पर कार्रवाई किए जाने के बजाय मुख्यमंत्री ने इनकी सेवानिवृत्ति को 6 माह के लिए बढ़ा दिया।
अग्रवाल ने बताया कि ई-टेंडरिंग घोटाले में जीवीपी इंजीनियर्स लिमिटेड, इंडियन ह्यूम पाई कंपनी लिमिटेड, जेएसपी प्रोजेक्टस लिमिटेड और मटेना कंस्ट्रक्शन लिमिटेड शामिल हैं। अग्रवाल ने बताया कि मुख्य सचिव को इस बात की शिकायत मिली तो उन्होंने कंपनियों को ब्लेक लिस्ट करके इनके पुराने टेंडर्स की जांच करानी चाहिए थी, मगर उन्होंने उल्टे इन कंपनियों को और ठेके दे दिए।
अधिकारियों पर हो कड़ी कार्रवाई
अग्रवाल ने बताया कि मोहनपुरा परियोजना में मंटेना कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को 22 मई 2018 को 1030 करोड़ का ठेका, सजली माध्यम सिंचाई परियोजना में मंटेना कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को12 जून 2018 को134 करोड़ का ठेका, लोअर ओर सिंचाई परियोजना में मंटेना कंस्ट्रक्शन लिमिटेड 22जून को 1650 करोड़ का ठेका, नर्मदा झाबुआ पेटलावद थांदला सरदारपुर उद्वहन सिंचाई परियोजना में जे एम् सी प्रोजेक्ट्स(इंडिया) लिमिटेड की जे एम् सी लक्ष्मी विलो को 5 जून को 1699 करोड़ का ठेका, नांगलवाडी उद्वहन सिंचाई परियोजना में जे एम् सी प्रोजेक्ट्स(इंडिया) लिमिटेड की जे एम सी लक्ष्मी विलो को 5 जून को 949 करोड़ का ठेका दिया गया। इसके अतिरिक्त जी वी पी आर इंजीनियर्स लिमिटेड को घोटाला प्रकाश में आने के पूर्व भीकनगांव-बिन्जलवाडा उद्वहन सिंचाई योजना में 706 करोड़ और जावर सिंचाई योजना 441 करोड़ का ठेका दिया गया, परन्तु इसकी भी जाँच नहीं हुई कि क्या ये ठेके भी टेंडर में गड़बड़ करके नहीं तो नहीं हथिया लिए। अग्रवाल ने बताया कि तक 8935 करोड़ के घोटाले के दस्तावेज प्राप्त हो गये हैं, परन्तु मोटा अनुमान है कि यह घोटाला 50 हजार करोड़ से ज्यादा का हो सकता है।
अग्रवाल ने कहा कि हमारी मांग है कि घोटाले में शामिल कंपनियों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई कर दोषियों को जेल भेजा जाए। अगर यह नहीं हुआ तो आप सरकार के इस मुद्दे को लेकर अदालत जाएगी।